सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि योगी सरकार की मोर्चे पर नाकामी उसकी पतनशीलता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त छह माह तक आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA) के तहत यूपी सरकार के कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक इसका एक उदाहरण है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सच्चाई यह है कि भाजपा जोड़-तोड़ से सरकार बनाना जानती है, लेकिन भ्रष्ट आचरण के कारण सरकार चलाना नहीं जानती।
सपा प्रमुख ने रविवार को यहां एक बयान में कहा कि जो सरकार अपने मातहत लोगों पर प्रतिबंध लगा रही है, इसका सीधा सा मतलब है कि उसे लगता है कि कर्मचारियों और अधिकारियों में विरोध और आक्रोश का सुप्त ज्वालामुखी कभी भी फट सकता है। अखिलेश यादव ने कहा कि हकीकत यह है कि यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में विभिन्न विभागों और सरकारी व अर्धसरकारी संस्थाओं व प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों को भाजपा की भ्रष्ट नीतियों और भ्रष्टाचार का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे उनमें असंतोष बढ़ रहा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार अपनी चालों से अर्धसरकारी संस्थाओं और सरकारी कर्मचारियों के अलावा आम जनता में भी असंतोष पैदा कर रही है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सभी सार्वजनिक संस्थाओं को निजी हाथों में सौंपने की साजिश की जा रही है, इसके अलावा, बिजली जैसी महत्वपूर्ण संस्था में निजीकरण के जरिए संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। इन सबका मतलब राष्ट्रीय संपदा को चंद चहेते पूंजीपतियों को औने-पौने दामों में बेचकर कमीशन अपनी जेब में रखना है।