राजनेताओं के दिन और राजनीतिक पार्टियों के फैसले कब पलट जांय कहा नहीं जा सकता। अभी कुछ समय पहले की ही बात है जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से उनकी उत्तराधिकारिता छीन कर उन्हें राजनीति से बेदखल कर दिया था लेकिन डेढ़ महीने बाद उन्हीं बुआ जी का भतीजे पर प्यार फिर उमड़ पड़ा और आकाश आनंद एकबार फिर उनके उत्तराधिकारी बन गए, बोनस में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर भी बना दिया गया । एक दिन पहले ही आकाश को उत्तराखंड उपचुनाव के लिए पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया गया था जिसमें मायावती के बाद उनका नाम सूची में दूसरे नंबर पर था।
मायावती ने रविवार को लखनऊ में बसपा के सभी प्रदेश अध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें आकाश आनंद भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान आकाश आनंद ने बुआ मायावती के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बड़े प्यार से अपने भतीजे के सिर पर हाथ रखा और उसे दुलार कर उसकी पीठ थपथपाई। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने अपने एक फैसले से सबको चौंका दिया था। उन्होंने भतीजे आकाश आनंद को ‘अपरिपक्व’ बताकर पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया था। परिपक्व होने तक उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने से भी इनकार कर दिया था।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा की कई जनसभाओं में आकाश आनंद काफी आक्रामक नजर आए थे। उनके कुछ भाषण काफी चर्चा में रहे थे, जिसमें उन्होंने अपने विरोधियों पर तीखी टिप्पणियां की थीं। ऐसे ही एक भाषण में उन्होंने भाजपा को आतंकवादी पार्टी कहा था, जिसके लिए आकाश के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। राजनीतिक पंडितों का मानना था कि आकाश के इस तेवर ने बीएसपी को नई जान दे दी है। इस दौरान पार्टी प्रमुख मायावती ने आकाश को बीएसपी के राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटाने की घोषणा की थी। उन्होंने एक बयान में कहा था कि आकाश को और परिपक्व होने की जरूरत है। लोकसभा चुनाव में बीएसपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और वह खाता भी नहीं खोल पाई थी। इसके उलट उत्तर प्रदेश में बीएसपी का वोट प्रतिशत 19 फीसदी से घटकर करीब 10 फीसदी से नीचे रह गया था।