ISRO Aditya L1 Mission Launch Updates: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने आज शनिवार को अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को प्रक्षेपित कर दिया। प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट पीएसएलवी से किया है। सूरज के अध्ययन के लिए आदित्य-एल1 को धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन-1 बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन का समय लगेंगे।
आदित्य-एल1 की सफल लॉन्चिंग, गृहमंत्री अमित शाह ने दी बधाई
आदित्य-एल1 पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। आदित्य-एल1 सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं आदित्य-एल1 मिशन के शुभारंभ पर हार्दिक बधाई देता हूं। श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 को लेकर इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के उड़ान भरने के दौरान भीड़ ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए।
तीसरा चरण पूरा
इसरो के आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को कवर करने वाला पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलने के बाद अलग हो गया। पीएसएलवी के पृथक्करण का तीसरा चरण भी पूरा हो गया। आदित्य-एल1 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में लॉन्च किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को प्रक्षेपित किया। ISRO के सूर्य मिशन आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
यह मिशन महत्वपूर्ण
आदित्य-एल1 मिशन पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने कहा कि यह मिशन महत्वपूर्ण है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के आसपास रखा जाएगा। जहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल शून्य होता है। न्यूनतम ईंधन के साथ, वहां अंतरिक्ष यान बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा 24/7 अवलोकन है। अंतरिक्ष यान में सात उपकरण लगाए हैं। इस मिशन के डेटा से वायुमंडल में होने वाली विभिन्न घटनाओं, जलवायु परिवर्तन आदि को समझाने में मदद मिलेगी।