नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण अब भले ही कम हो गया हो और इसके संक्रमित लोगों की मौत का आंकड़ा काफी घट गया है। लेकिन संक्रमण से उबर चुके लोगों को अभी तक पूरी तरह से मुक्ति नहीं मिल सकी है। हालांकि अभी भी विश्च के कई हिस्सों में संक्रमण के मामलों और इसके चलते मौतों का सिलसिला भी जारी है। इस बीच रिसर्च में सामने आया कि कोरोना वायरस से संक्रमित कई लोग अभी भी उसके प्रभाव से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों को बीमारी से ठीक हो जाने के बाद भी गंध या स्वाद नहीं महसूस हो रहा है। इस समस्या से पीड़ितों की संख्या कुल संक्रमित लोगों में से लगभग पांच प्रतिशत तक है।
ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में इस सप्ताह की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में कुल संक्रमितों के बीच लगभग पांच फीसदी लोगों में गंध और स्वाद की समस्या है। कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के छह महीने बाद भी लोगों में ये समस्या बनी हुई है।
एसोसिएशन के जर्नल ने कहा है कि दुनिया भर में 55 करोड़ लोग कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने का अनुमान है। उनके बीच बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो ठीक होने के बाद उभरे लक्षणों के इलाज को विशेषज्ञों के पास जा रहे हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ऐसे मरीजों के लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है। तो वे खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैँं। इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं इन लोगों को उचित सहायता उपलब्ध कराएं।
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गंध या स्वाद महसूस न होने से जीवन की गुणवत्ता पर इसका खराब असर पड़ता है। इससे पीड़ित लोग प्रतिदिन जीवन के आनंद और सामाजिक संबंधों से वंचित होते हैं। ऐसे लोगों की खाने में जहां रुचि घट सकती है। वहीं ये लोग इससे कुपोषण का शिकार हो सकते हैँ। इसी के साथ उनके चिंता और अवसाद से पीड़ित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। अध्ययन से पता चला है कि इस मामले में 18 अध्ययनों का विश्लेषण किया है। अध्ययनों में 3,699 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो कि कोरोना सक्रमण से ठीक हो चुके हैं। विश्लेषण के माध्यम से अनुमान लगाने का प्रयास किया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद तक कितने लोगों में गंध या स्वाद महसूस नहीं होने की समस्या बनी थी। विश्लेषण के दौरान पाया कि 5.6 प्रतिशत लोगों में छह महीने बाद भी गंध महसूस न होने की समस्या थी। अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार महिला मरीजों में गंध महसूस न होने की समस्या अधिक देखी जा रही है।