Nepal Earthquake: नेपाल में शुक्रवार रात आए भूकंप से भारी तबाही हुई है। नेपाल में भूकंप से अब तक 130 लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप के तेज झटके पूरे उत्तरी भारत में भी महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र जाजरकोट जिले में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर गहराई में था।
घायलों की संख्या कई गुना अधिक
पश्चिमी नेपाल में भीषण भूकंप से भारी तबाही मची है। अभी तक 130 लोगों की मौत की जानकारी है। भूकंप से मौतों की संख्या बढ़ भी सकती है। घायलों की संख्या इससे कई गुना अधिक बताई जा रही है। भूकंप से हजारों घर ध्वस्त हो गए। नेपाली अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रुकुम पश्चिम में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है। जबकि जाजरकोट जिले में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। भूकंप के बाद रेस्क्यू फोर्स बचाव अभियान में जुटी है।
शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे नेपाल के पश्चिमी इलाके में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। भूकंप का झटके दिल्ली एनसीआर में भी महसूस किए गए।
भूकंप के झटके 40 सेकंड तक
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अनुसार, रात 11.47 बजे भूकंप आया। जिसका केंद्र जाजरकोट में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप का असर भारत और चीन में महसूस किया गया। भारत में करीब 40 सेकंड तक झटके महसूस किए गए।
काठमांडू में सड़कों पर डरे सहमे लोग
नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में भूकंप का तेज झटका महसूस किए गए हैं। जाजरकोट काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर दूर है। भूकंप का झटका महसूस होने पर काठमांडू में लोग घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान लोग सड़कों पर डरे सहमे दिखे।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने जान-माल के नुकसान पर जताया दुख
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान पर दुख जताया है। नेपाल के पीएमओ ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात 11.47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई मानवीय और घरों की क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया। घायलों के तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा एजेंसियों को लगाया है।
2015 में आया था 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप
बता दें, हिमालयी देश नेपाल में भूकंप आना आम बात है। वर्ष 2015 में 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश का हिलाकर रख दिया था, जिसमें 12,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर ध्वस्त हो गए थे।