मुरादाबाद के सांप्रदायिक दंगों के बाद 1978 से बंद पड़े संभल के एक मंदिर को अधिकारियों द्वारा फिर से खोले जाने के बाद कुंभ पर एक निजी कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि यह मंदिर रातों-रात नहीं बना है और यह “हमारी चिरस्थायी विरासत और हमारे इतिहास की सच्चाई” का प्रतिनिधित्व करता है।
मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि आखिर दशकों बाद भी नरसंहार के दोषियों को न्याय के कटघरे में क्यों नहीं लाया गया?” उन्होंने उन लोगों की आलोचना की जो कुंभ जैसे “सच्चाई को दबाने और सांस्कृतिक आयोजनों को कलंकित करने” की कोशिश करते हैं, उन्होंने जोर देकर कहा कि सच्चाई की आवाज़ को अक्सर धमकियों और उन्हें चुप कराने के प्रयासों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने मंदिर के ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया, जिसमें बजरंग बली की एक प्राचीन मूर्ति और एक ज्योतिर्लिंग शामिल है। “यह मंदिर रातों-रात नहीं बना है। यह हमारी चिरस्थायी विरासत और हमारे इतिहास की सच्चाई का प्रतिनिधित्व करता है। सीएम ने घोषणा की कि 45 दिवसीय प्रयागराज महाकुंभ (13 जनवरी से 26 फरवरी तक) में 40 करोड़ भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है, वहीं 100 करोड़ लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मुख्य मुहूर्त के दौरान अनुमानित छह करोड़ श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाएंगे, लेकिन 10 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए तैयारी की जा रही है।
सीएम ने 2019 के प्रयागराज कुंभ के परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसने उम्मीदों को फिर से परिभाषित किया है। उन्होंने कहा, “जिस किसी ने भी 2019 के कुंभ को देखा होगा, उसने इसे स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए किए गए अनोखे प्रयासों को देखा होगा। जो कभी गंदगी, अराजकता, भगदड़ और असुरक्षा से जुड़ा था, वह एक दिव्य और भव्य आयोजन बन गया।” उन्होंने किसी भी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कुछ लोग भारत का प्रतिनिधित्व करने का स्वयंघोषित अनुबंध लेकर घूमते हैं और डिस्कवरी ऑफ इंडिया को ऐसे मानते हैं जैसे कि यह इस देश की सबसे पुरानी किताब हो।