लोकसभा चुनावों में हुई हार के कारणों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के भीतर लखनऊ से दिल्ली तक बैठकों का सिलसिला चल रहा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में आला कमान से मुलाकात कर आये, प्रदेश अध्यक्ष ने नैतिक रूप से हार की ज़िम्मेदारी ले ली. पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को जानकारी भी दी, वही लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सब बातों से बेपरवाह विधानसभा की रिक्त हुई 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर रणनीति बनाने में व्यस्त हैं. बुधवार को उन्होंने मंत्रियों के साथ बैठक की, जानकारी निकल कर आ रही है कि मुख्यमंत्री ने इन दस सीटों पर कामयाबी के लिए 30 मंत्रियों को ज़िम्मेदारी सौंपी है.
कहा जा रहा हैं कि सीएम योगी ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाली विधानसभा में कम से कम दो दिन रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए. इधर जब ये खबर आयी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं. इस खबर के आते ही तरह तरह के कयास लगने शुरू हो गए यहाँ तक कहा जाने लगा कि योगी आदित्यनाथ अपने इस्तीफ़ा सौंपने राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं. बहरहाल ऐसा कुछ नहीं हुआ, ये सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी जिसको टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ बना दिया गया, हालाँकि मीडिया को कोई मसाला नहीं मिला.
दरअसल यूपी में लोकसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद योगी सरकार के लिए विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं. इन सीटों पर जीत हासिल कर सीएम योगी लोकसभा चुनाव में मिली हार से उबर सकते हैं और अपने खिलाफ चल रहे प्रोपगंडे का जवाब दे सकते हैं. लोकसभा के चुनाव मिली हार से योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा को जो धक्का लगा है, उसे इन सीटों पर जीत हासिल कर वापस पाना चाहते हैं. बुधवार को मुख्यमंत्री योगी ने अपने दोनों उप मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के बिना ही इन मंत्रियों के साथ उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जातिगत समीकरण और उन विधानसभा सीटों पर विपक्षी दल से प्रत्याशी कौन हो सकता है, इसपर चर्चा की. चर्चा के दौरान मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर ख़ास रणनीति बनाने की बात हुई.