कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकान मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश को लेकर योगी सरकार की आलोचना की और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने इस आदेश को भारत के संविधान पर हमला बताते हुए “विभाजनकारी” बताया।
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका गाँधी ने ‘एक्स’ पर कहा, कि हमारा संविधान प्रत्येक नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में ठेले, खोखे और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम के बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है। जाति और धर्म के आधार पर समाज में विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है। इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और इसे जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
यूपी कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी इस मामले को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है। केंद्र और बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रमुख घटकों में से एक जनता दल (यूनाइटेड) ने भी यूपी सरकार के इस कदम का विरोध किया है। जद(यू) नेता केसी त्यागी ने कहा, “अगर इसकी समीक्षा की जाए तो अच्छा होगा”। वहीँ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दुकानदारों को पूरे राज्य में कांवड़ मार्गों पर अपना नाम लिखना होगा।