देश में पेपर लीक को लेकर बढ़ते बवाल और घिरती सरकार को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाने का फैसला किया है। इस अध्यादेश के तहत पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। मंगलवार को योगी कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए इस प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि पेपर लीक या किसी भी कारण से परीक्षा रद्द होती है तो उस पर आने वाला सारा खर्च सॉल्वर गैंग से वसूला जायेगा, इसके साथ ही परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले सर्विस प्रोवाइडर और कंपनियों को हमेशा के लिए काली सूची में डाल दिया जाएगा।
इससे पहले सरकार ने पेपर काउंटिंग रोकने के लिए नई नीति की घोषणा की है। हर परीक्षा शिफ्ट में अलग-अलग पेपर सेट बनाने के साथ ही पेपर कोडिंग प्रक्रिया को भी और व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया जाएगा। साथ ही सरकारी शिक्षण संस्थान, वित्तपोषित शिक्षण संस्थान या साफ-सुथरे रिकॉर्ड वाले प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।
नियम के मुताबिक परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को अपने गृह मंडल से बाहर जाना होगा। दिव्यांगों और महिलाओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। 4 लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर परीक्षा दो चरणों में कराई जाएगी। प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा एक ही पाली में कराई जा सकती है। रिजल्ट में छेड़छाड़ रोकने के लिए ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग और बोर्ड खुद करेगा। जिस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र छप रहे हैं, वहां बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, कर्मचारियों की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। प्रेस के अंदर स्मार्टफोन और कैमरा ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा और प्रेस के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनकी रिकॉर्डिंग एक साल तक रखी जाएगी।