पर्थ टेस्ट की पहली पारियों में टीम इंडिया के 150 पर आउट हो जाने के बाद जब ऑस्ट्रेलिया की टीम 104 रनों पर ढेर हो गयी तब ऐसा लगा ये गेंदबाज़ों से ज़्यादा पर्थ की पिच का कमाल है और उसमें भारत के गेंदबाज़ों ने ऑस्ट्रेलिया से अच्छी गेंदबाज़ी की लेकिन जब दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया गेंदबाज़ों के सामने भारत ने चार विकेट पर 487 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया तब स्पष्ट हो गया कि दरअसल पर्थ की पिच का तो हव्वा बनाकर रखा गया है, यहाँ बल्लेबाज़ भी गेंदबाज़ों की तरह अपना जलवा दिखा सकते हैं जो भारतीय बल्लेबाज़ों ने आज अच्छी तरह से दिखाया भी और दिन के अंत में ऑस्ट्रेलिया के तीन बल्लेबाज़ जिस तरह मात्र 12 रनों पर आउट हुए उसने ऑस्ट्रेलिया और भारतीय बल्लेबाज़ी के टेम्परामेंट के फर्क को भी स्पष्ट कर दिया। पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को हार से अब सिर्फ भगवान् ही बचा सकता है, इंद्रदेवता कोई कृपा कर दें और दो दिन मैच ही न खेला जाय तभी ऐसा हो सकता है वरना यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, के एल राहुल और नितीश रेड्डी ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया के सामने इतना बड़ा लक्ष्य खड़ा कर दिया है कि जिसको पार कर पाना ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी सपने से कम नहीं, ऊपर से बुमराह और सिराज ने दूसरी पारी में भी जो शुरुआत की है वो तो और भी खतरनाक है.
कप्तान बुमराह ने आज दिन का खेल ख़त्म होने से 25 मिनट पहले विराट कोहली का 30वां टेस्ट शतक पूरा होते ही पारी घोषित कर दी, उस समय टीम का स्कोर 6 विकेट पर 487 रन था और टीम की लीड 533 रनों की हो चुकी थी. बुमराह का ये डिक्लरेशन बड़ा कारामद साबित हुआ और ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट सस्ते में आउट हो गए जिसमें लाबुशाने का भी विकेट शामिल है. बुमराह पहली पारी की तरह खतरनाक नज़र आये और तीन में दो विकेट अपने नाम किये जबकि सिराज ने रात्रि प्रहरी के रूप में आये कप्तान पैट कमिंस को चलता किया।
इससे पहले कल की नाबाद सलामी जोड़ी यशस्वी और राहुल ने तीसरे दिन की शानदार शुरुआत की, दोनों के बीच ये साझेदारी 201 रनों पर जाकर उस समय टूटी जब के एल राहुल 77 रनों की पारी खेलकर स्टार्क का शिकार बने, इससे पहले यशस्वी अपने संक्षित से टेस्ट कैरियर का एक और शतक जड़ चुके थे. राहुल के बाद देवदत्त पडिकल स्कोर को 275 तक ले गए, यहाँ पर पडिकल 25 रन बनाकर हेज़वुड का शिकार बने, इसके बाद ऋषभ पंत और ध्रुव जुरेल सस्ते में आउट हो गए और साथ में ही यशस्वी जायसवाल भी एकाग्रता खो बैठे और 161 रनों की पारी खेलकर मिचेल मार्श का शिकार बने. तीन विकेट जल्दी गिरने के बाद ऐसा लगा कि ऑस्ट्रेलिया वापसी कर सकता है लेकिन विराट कोहली आज किसी और मूड में आये थे. यशस्वी के बाद उन्होंने मोर्चा संभाल लिया और पहले वाशिंगटन सुन्दर और फिर नितीश रेड्डी के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों का धागा खोल दिया। नितीश रेड्डी तो खासकर काफी आक्रामक दिखाई दिए और अपने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 27 गेंदों पर 38 रन बनाकर कोहली के साथ नाबाद लौटे। ऑस्ट्रेलिया की टीम को अभी भी जीत के लिए 522 रनों या फिर मैच ड्रा करने के लिए पिच पर पूरे दो दिन बिताने की ज़रुरत है जो की एक असंभव सा काम मालूम पड़ता है.