पति और ससुराल के अन्य सदस्यों के गलत आचरण महिलाओं को मानसिक रोगों का शिकार बना रहा है। भूलने की बीमारी के साथ ही अवसाद और तनाव ने महिलाओं को जकड़ लिया है। मानसिक स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 63 फ़ीसदी महिलाएं पति के गलत आचरण से परेशान है। यह महिलाएं मधुमेह की जद में पाई गई हैं। तनाव के चलते महिलाओं में अवसाद के मामले भी तेजी से मिल रहे हैं। जांच के लिए पहुंची इन महिलाओं में कई मामले ऐसे भी मिल रहे हैं जिनमें आत्महत्या का रिस्क तक पाया जा रहा है।
50 फीसदी में बढ़ा हृदयाघात का खतरा
घर की चहारदीवारी के भीतर तनाव झेल रही इन महिलाओं में 50 फीसदी ऐसी पाई गई हैं, जिनमें हृदयाघात का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है। चिकित्सक बताते हैं कि परिवार और बच्चों के बीच ताल मेल बैठते महिलाओं द्वारा खुद की सेहत के प्रति बरती जा रही लापरवाही उन्हीं पर भारी पड़ रही है। राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वे – 5 की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। रिपोर्ट के मुताबिक उतर प्रदेश के कई जिलों में महिलाओं की स्थिति काफी चिंतनीय है। मेरठ में ही 65फ़ीसदी महिलाओं में तनाव के लक्षण पाए गए।
महिलाओं की चुप्पी पड़ रही भारी
चिकित्सक बताते हैं की मध्यमवर्गीय परिवारों में समस्या अधिक मिल रही है। अधिकतर मामलों में देखा गया है महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को लेकर वो चुप रहती हैं। आर्थिक संकट के साथ ही परिवार की इज्जत के चलते वह ताने सुनती हैं, लेकिन धीरे धीरे अवसाद में चली जाती हैं। यही अवसाद बाद में उन्हें मधुमेह, हृदयाघात,थायराइड जैसी बीमारियों में जकड़ रहा है।
मांओं में भी बढ़ी दिक्कत
रिपोर्ट के मुताबिक गर्भवती और नई मांओं में भी भरपूर तनाव की स्थिति मिल रही है। स्थिति ये है कि 70 से 75 फीसदी गर्भवती महिलाओं में तनाव के चलते खून की कमी के साथ ही अन्य समस्याएं भी पाई जा रहीं हैं। चिकित्सक बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान तकरीबन 87 फ़ीसदी महिलाएं आयरन फोलिक दवाइयों का कोर्स पूरा नहीं करती हैं। जिससे होने वाली संतान पर भी खतरा बना रहता है।
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