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सरहद पार से अन्नदाता को समर्थन पर इतना हंगामा क्यों?


सरहद पार से अन्नदाता को समर्थन पर इतना हंगामा क्यों?

नवेद शिकोह

नवेद शिकोह

किसान मां की तरह होता है। पड़ोसी की मां भी हमारे लिए मां ही होती है। किसान से अनाज का रिश्ता होता है।अनाज का हर पेट से रिश्ता होता है, यहां सरहदें बाधा नहीं बनतीं। दुनिया के किसी भी देश के किसान का पैदा किया हुआ अनाज दूसरे देश के लोग भी खाते हैं। भारतीय अन्नदाता का अनाज कई मुल्कों का पेट भरता है। यही वजह है कि सरहद पार से भी आन्दोलनकारी किसानों का समर्थन किया जा रहा है।

हर किसी ने किसान वर्ग को ऊंचा दर्जा दिया है। अन्नदाता को भगवान और मां जैसा माना गया है। ये न हो तो हमारा पेट न भरे, हम ज़िन्दा ही न रहें। इसलिए किसान का रुतबा हुकुमतों, पक्ष-विपक्ष और सरहदों से कहीं आगे है। भारत के आंदोलित किसानों के समर्थन में विदेशी हस्तियों के उतरने के बाद एक नई बहस छिड़ गई है। अमेरिकी अभिनेत्री रेहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मिया खलीफा जैसे दुनिया के सेलेब्रिटीज़ ने जब किसान आंदोलन का खुलकर समर्थन किया तो इसे अलग-अलग नजरिए से देखा जा जाने लगा। मोदी सरकार ने सेलेब्रिटीज़ के इस समर्थन को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा है कि सोशल मीडिया कमेन्ट और हैशटैग्स के निजी स्वार्थ में बेबुनियादी बातें नहीं की जाएं तो बेहतर होगा। सरकार और सरकार समर्थक कह रहे हैं कि ये हमारा अंदरूनी मामला है, इसमें बाहर वालों को नहीं पड़ना चाहिए है। किसान आंदोलन के समर्थक सरहद पार से मिल रहे इस समर्थन को आंदोलन की बड़ी ताकत मान रहे हैं। कहा जा रहा है कि दो महीने से अधिक समय से जबरदस्त ठंड में दिन-रात धरने पर बैठे बुजुर्ग किसानों पर भी सरकार तरस नहीं खा रही है तो क्या सरहद पार के लोग भी मानवता के नाते किसानों का समर्थन न करें?

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा किसान आंदोलन के मद्देनजर कई स्थानों पर इंटरनेट पर रोक लगाई है। इस खबर को टैग करते हुए अमेरिका पॉप सिंगर रिहाना ने इसपर एतराज जताया था। इसके अलावा और भी विदेशी हस्तियों ने प्रदर्शनकारियों के साथ किए जा रहे बर्ताव को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताना शुरु कर दिया।

इसी के साथ एक नई जंग छिड़ गई। जमीन से अनाज उगाने वाले..जमीन पर काम करने वाले.. जमीन पर हल जोतने और फसल काटने वाले किसान जमीन पर बैठकर अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन विडंबना देखिए कि इन जमीनी लोगों पर बातें आसमानी हो रही हैं। इनके समर्थन के फूल और विरोध की तलवारें भी इंटरनेट/सोशल मीडिया, इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर हैंडिल पर ही नजर आ रही हैं।

सरहद पार से एतराज हुआ कि हरियाणा में इंटरनेट पर रोक क्यों लगाई गई ! फिर अमेरिका की ग्लेमर इंडस्ट्री की कई हस्तियों ने भी भारत के आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट किये और इसी के साथ इंटरनेट पर रोक से पैदा हुई चर्चा इंटरनेट पर तैरने लगी। ट्वीट वार शुरू हो गया। ग्लैमर इंडस्ट्री की वो हस्तियां भी समर्थन/विरोध में आगे आईं जो ट्वीटर पर किसी ना किसी जवलंत मुद्दे में समर्थन या विरोध की अति के जरिए लोगों की नजर में बने रहना चाहते हैं।

किसान आंदोलन को लेकर विदेशी हस्तियों की तरफ से ट्वीट किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को इस सम्बंध में सख्त बयान जारी किया। इस बयान में सरकार ने कहा कि यह प्रदर्शन भारत के मुट्ठीभर किसान कर रहे हैं। बयान में सरकार ने #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda जैसे हैशटैग्स के साथ कहा कि हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि यह प्रदर्शन भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और सरकार और इससे जुड़े किसान संगठन की परेशानियों को सुलझाने की कोशिशों के संदर्भ देखा जाना चाहिए। सरकारी बयान मे कहा गया कि हम आग्रह करना चाहेंगे कि ऐसे मसलों पर टिप्पणी करने से पहले तथ्य देखे जाएं और मसले को पूरी तरह समझ लिया जाए।सोशल मीडिया हैशटैग्स और कमेंट्स की सनसनी के लालच में पड़ने, खासकर सेलेब्रिटीज़ की ओर से ऐसे गैरजिम्मेदाराना ट्वीट करना अशोभनीय हैं। आंदोलन को बाहर से भड़काए जाने की बात लिखते हुए सरकार की ओर से कहा गया है कि इस आंदोलन का फायदा उठाने का मंसूबा रखने वाले कुछ संगठनों ने भारत के खिलाफ इंटरनेशनल सपोर्ट मोबिलाइज़ करने के प्रयास किए हैं। हांलाकि विदेशी शख्सियतों की भारतीय किसान आंदोलन पर बयान या सपोर्ट पर भारत सरकार का इतना लम्बा-चौड़ा रिएक्शन ओवर रिएक्शन लग रहा है। किसी देश की सरकार ने भारतीय किसान आंदोलन पर कुछ कहा होता तब तो भारत सरकार द्वारा प्रतिक्रिया देना लाजमी था । लेकिन मनोरंजन क्षेत्र के दो-तीन लोगों की दो लाइन के ट्वीट पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत सरकार का इतना बड़ा बयान इन अमेरिकी हस्तियों को और भी तवज्जो देना जैसा लग रहा है।
भारत के आम लोगों या भारतीय सेलेब्रिटीज़ का विदेशी सेलिब्रिटीज के ट्वीट पर रिएक्टर करना आम बात होती लेकिन भारत सरकार भारी भरकम तरीके से रिएक्ट करना चकित करने वाला कदम है।

उधर भाजपा के समर्थन में अतिवादी बनकर भाजपा सरकार का ही नुकसान करने वाली अभिनेत्री ने कंगना ने अमेरिकी सेलिब्रिटीज के ट्वीट के जवाब देते हुए उन आंदोलनकारी किसानों को आतंकवादी बता दिया जिनके विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इन किसानों और सरकार के बीच एक फोन भर की दूरी है। यानी उन्होंने संकेत दिए और उम्मीद जाहिर की कि बातचीत से समाधान निकल आयेगा। इन किसानों को आतंकवादी कहकर मोदी सरकार समर्थक कही जाने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत भाजपा सरकार का समर्थन करती हैं या मुसीबत बढ़ाती हैं! ये समझ पाना बहुत मुश्किल है।

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