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आखिर क्या है Toshakhana, जिसने पाकिस्तान के पूर्व PM Imran की मुश्किलें बढ़ाई

imran khan

कराची। पाकिस्तान कानून के मुताबिक किसी विदेशी देश के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए इसके मूल्य के बराबर रूपये का भुगतान करना होता है। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय होता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।


इमरान के प्रधानमंत्री रहते मिले थे 14 करोड़ के उपहार

कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को विदेशी यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

जानकारी के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।


ऐसे खुली पोल?

पाकिस्तानी रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त में इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने सामने आरोप पत्र दायर किया था। इमरान खान पर आरोप लगाए गए थे कि जो गिफ्ट उन्हें मिले, उसका विवरण तोशाखाना को नहीं सौंपा था।

उन्हें बेचकर पैसे कमाए हैं। पाकिस्तान स्पीकर ने इस मामले में जांच करवाई। आठ सितंबर को इमरान खान को नोटिस मिला था। उन्होंने इस नोटिस का जवाब दिया था और कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए मिले चार उपहारों को उन्होंने बेच दिया था। इन उपहारों में ग्रेफ, रोलेक्स घड़ी, कफ़लिंक की जोड़ी, एक महंगी कलम, कई धातुओं की चीजें और एक अंगूठी शामिल थी।


सदस्यता भी चली गई

आरोप साबित होने पर पिछले साल इमरान खान की संसद सदस्यता चली गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान खान ने जानबूझकर चुनाव अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था और गलत बयान दिया था। साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी दी थी।

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