नई दिल्ली। चीनी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी विवो ने भारत में टैक्स बचाने के लिए करीब 62 करोड़ रुपये के स्मार्टफोन गैरकानूनी तरीके से चीन भेज दिए थे। इसका खुलासा प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच में हुआ है। इसके साथ ईडी ने विवो की संलिप्तता वाले एक मनी ट्रासफर वाले गिरोह का खुलासा करने का दावा किया है। ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विवो इंडिया ने भारत में टैक्स से बचने के लिए अपनी कमाई का लगभग आधा हिस्सा चीन और दूसरे देशों को भेजा है। ईडी के मुताबिक चीन मोबाइल कंपनी विवो ने विदेशों में गैरकानूनी ढंग से 62,476 करोड़ रुपये भेजे। भारत में विवो मोबाइल इंडिया ने करीब 23 अन्य कंपनियों के माध्यम से व्यापार किया हुआ था।
इन सभी कंपनियों के खिलाफ सघन तलाशी अभियान के बाद इनके बैंक खातों में जमा 465 करोड़ रुपये जब्त कर लिए गए हैं। ईडी की ये कार्रवाई जून 2022 से शुरू हुई थी जो कि अब तक चल रही है। ईडी की इस कार्रवाई में भारत में 23 कंपनियां बनाने में चीन के नागरिकों के शामिल होने की जानकारी भी सामने आई है। इनमें से एक की पहचान चीनी नागरिक और वीवो के पूर्व निदेशक बिन लाऊ के रूप में हुई है। जो अप्रैल 2018 में देश छोड़कर चला गया था। अन्य दो चीनी नागरिकों ने जांच कमेटी गठित होने के बाद वर्ष 2021 की जुलाई में भारत छोड़ दिया था। इन कंपनियों के गठन में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग की भी मदद ली गई थी।
ईडी की माने तो इन कंपनियों ने विवो इंडिया को देश से बड़ी मात्रा में धनराशि चीन को भेजी है। बता दें कि विवो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड का गठन एक अगस्त, 2014 को हांगकांग स्थित कंपनी मल्टी एकॉर्ड लिमिटेड की एक अनुषंगी के रूप में किया था। बाद में इसने अपनी अन्य 22 कंपनियां बना ली। इन कंपनियों के माध्यम से ही विवो फर्जी तरीके से व्यापार कर रही थी।