UP Legislative Council By Election: यूपी विधान परिषद की दो सीटों पर होने वाले उप चुनाव में क्रॉस वोटिंग रोकना दलों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। खासकर भाजपा और सपा के लिए। क्रांस वोटिंग से दूसरे राजनीतिक दल भी परेशान हैं। दोनों सीटों के लिए उपचुनाव में मतदान 29 मई को होना है। भाजपा ने मानवेंद्र सिंह और पदमसेन चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने रामकरन निर्मल और रामजतन राजभर को उम्मीदवार घोषित किया है।
उपचुनाव में दो सीटों के लिए अलग-अलग मतपत्र
उप चुनाव में दो सीटों के लिए दो अलग-अलग मतपत्र होंगे। उपचुनाव में सभी 403 विधायक अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। सदन में भाजपा के 255, उनके सहयोगी अपना दल (एस) के 13 विधायक और निषाद पार्टी के 6 विधायक हैं। जबकि सपा के 109 विधायक, रालोद के 9 विधायक, सुभासपा के 6 विधायक, कांग्रेस के 2 विधायक, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 विधायक और बसपा का एक विधायक हैं।
भाजपा का फोकस पूरा अपने गठबंधन के 274 विधायकों के साथ ही सुभासपा के छह विधायकों के वोट हासिल करने पर है। जबकि रालोद और सपा खेमे के असंतुष्ट विधायकों से संपर्क कर उनका मत हासिल करने की भी तैयारी है। भाजपा ने अपने और सहयोगी दलों के विधायकों को मतदान का प्रशिक्षण दिलाने के साथ व्हिप जारी करने की योजना बनाई है।
सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर ने बताया कि सपा के पास उपचुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। चुनाव लड़ने का निर्णय सपा नेतृत्व की अपरिपक्वता का प्रतीक है। उनका कहना है कि भाजपा को 274 से ज्यादा वोट मिलेंगे। वहीं सपा भी भाजपा के असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में है।