सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एक बड़ा बयान दे दिया, उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए बसपा प्रमुख मायावती का नाम उछाल दिया, मायावती का नाम उछालते ही सियासी गलियारों में तेज़ी से हरकत हुई और योगी सरकार के एक मंत्री सुभासपा कार्यालय पहुँच गए. मंत्री दयाशंकर सिंह के इस तरह अचानक ओम प्रकाश राजभर से मिलने उनके कार्यालय पहुँचने पर लोगों को बड़ी हैरत हुई और इस मुलाकात को लेकर सवाल भी उठने लगे. राजनीतिक पंडितों ने मायावती को लेकर दिए सुभासपा प्रमुख के बयान को इस मुलाकात से जोड़ना शुरू कर दिया।
योगी सरकार के मंत्री पहुँच गए राजभर के ऑफिस
दरअसल आज एक पत्रकार वार्ता में सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने सभी दलों से ये अपील की वो दलित बेटी मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए एकजुट हों. राजभर का यह बयान तेज़ी से यूपी के राजनीतिक गलियारों से होता हुए सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियों तक पहुंचा और आनन फानन में योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह राजभर से मिलने उनके कार्यालय पहुँच गए और सीधे उनके कमरे में चले गए. इसके बाद कमरे के दरवाज़े बंद हो गए और बाहर कयास लगाए जाने लगे कि आखिर बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच क्या बात हो रही होगी.
अगड़ों-पिछड़ों के बाद अब दलित की बारी
बता दें कि इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस में ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ अलग अलग राज्यों में जाकर गुट बंदी बना रहे हैं. राजभर ने अपने अंदाज़ में कहा कि इससे तो अच्छा ये हैं कि बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दो. सुभासपा प्रमुख ने कहा कि अखिलेश, नीतीश, ममता, केजरीवाल, सोनिया गांधी सबको मिलकर मायावती को प्रधानमंत्री पद के लिए राज़ी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर अगड़े पिछड़े सब बैठ चुके हैं इसलिए अब किसी दलित की बारी होनी चाहिए और मायावती जी सबसे बेहतर दलित नेता हैं.