विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन से वापस आ रहे किसानों को गाड़ी से रौंदने के मामले में गिरफ्तार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा के खिलाफ लखीमपुर की एक अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं. आशीष मिश्रा पर चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या का आरोप है. अब आशीष मिश्रा पर हत्या का मुकदमा 16 दिसंबर से चलेगा। इससे पहले अदालत ने आशीष मिश्रा और अन्य अभियुक्तों की डिस्चार्ज याचिका को ख़ारिज कर दिया था.
चार किसानों व एक पत्रकार की हुई थी मौत
पुलिस चार्जशीट में आषीश मिश्रा और दूसरे अभियुक्तों पर आरोप लगाया गया है कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में एक विरोध प्रदर्शन से लौट रहे किसानों पर जो SUV चढ़ाई गयी थी उसपर आशीष मिश्रा अन्य अभियुक्तों के साथ सवार था. उस घटना की कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुई थीं जिसमें साफ़ नज़र आ रहा था कि प्रदर्शनकारी किसान शांतिपूर्वक जा रहे हैं तभी पीछे से एक तेज़ रफ़्तार कार किसानों को रौंदती हुई निकल जाती है. किसानों ने उस कार का पीछा किया और ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मार मारकर हत्या कर दी. इस दौरान गोलीबारी भी हुई जिसमें एक स्थानीय पत्रकार की हत्या हुई. कहा जाता है कि यह फायरिंग आशीष मिश्रा को बचाकर वहां से भगाने के लिए की गयी थी. घटना में चार किसानों की मौत हो गयी थी.
अदालत के फैसले का स्वागत
इस घटना के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मंत्री पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को ज़मानत दे दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को ख़ारिज कर दिया था, तब से आशीष मिश्रा जेल में है. आशीष मिश्रा पर मुकदमा चलाये जाने के फैसले का मारे गए पत्रकार के भाई ने स्वागत किया है, वहीँ मृतक किसानों की तरफ से मुकदमा लड़ने वाले वकील का मानना है कि आरोप तय होने में 9 महीने का समय लग गया लेकिन उम्मीद है कि ट्रायल तेज़ी से निपटाया जायेगा।