कानपुर। देश को हिला देने वाले बिकरू कांड के आरोपियों की मददगार जेल में बंद खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिकरू कांड के समय खुशी नाबालिग थी। उसे जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है।
दो जुलाई 2020 की रात कानपुर देहात के बिकरू गांव में गैंगेस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस पर हमला कर सीओ सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। घटना से दो दिन पहले अमर दुबे से शादी कर खुशी बिकरू गांव आई थी। पुलिस ने खुशी को भी आरोपी बना जेल भेजा था।
कानपुर देहात के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस ने दबिश दी थी। जिसमें दोनों ओर से फायरिंग हुई थी। इस फायरिंग में विकास दुबे ने सीओ और एसओ सहित आठ पुलिसकर्मी मार दिए थे। उसके बाद से पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए खुशी को जेल भेजा था। 2020 के बाद से खुशी जेल में ही थी।
सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुशी दुबे को जमानत मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला भाजपा के अन्याय और नारी उत्पीड़न के प्रयासों की हार है। भाजपा याद रखे अंत में जीत न्याय की होती है अहंकार की नहीं होती। एक दिन इसी तरह से जनता भाजपा को भी सत्ता से बेदखल कर देगी।