उन्नाव में नाबालिग से बलात्कार के मामले में जेल की सलाखों में बंद भाजपा के निष्काषित नेता कुलदीप सेंगर को दिल्ली उच्च न्यायालय से मानवीय आधार पर बेटी की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम ज़मानत मिल गयी है. सेंगर के वकील ने अदालत में उनकी पुत्री शादी समारोहों का ज़िक्र कर ज़मानत की दरख्वास्त की थी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। कुलदीप की ज़मानत 27 जनवरी से शुरू होगी और 10 फरवरी तक चलेगी। बता दें कि सेंगर की बेटी की शादी 8 फरवरी को है.
सिर्फ 15 दिनों की ज़मानत
जानकारी के मुताबिक कुलदीप सिंह सेंगर के अधिवक्ता ने अदालत शादी के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि 18 जनवरी से 8 फरवरी तक प्रोग्राम चलने है इसलिए दो महीने की ज़मानत दी जाय लेकिन हाईकोर्ट ने सिर्फ 15 दिन की ज़मानत मंज़ूर की है जिसका मतलब यह हुआ कि कुलदीप सेंगर अपने बेटी की शादी के शुरूआती कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे और विदाई के दो दिन बाद ही उन्हें वापस जेल जाना होगा।
रेप और हत्या के हैं मामले
ज़मानत याचिका पर फैसला देने से पहले अदालत ने सीबीआई से इसपर अपनी रिपोर्ट 16 जनवरी तक दाखिल करने की बात कही थी, कोर्ट में सीबीआई की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद अदालत ने 15 दिन की ज़मानत को मंज़ूर किया है. बता दें कि रेप और हत्या के आरोप सिद्ध होने के बाद भाजपा ने कुलदीप सेंगर को पार्टी से निकाल दिया था. कुलदीप सेंगर पर एक नाबालिग के साथ बलात्कार का मामला था जिसपर निचली अदालत ने पूर्व भाजपा नेता को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी, उसके साथ ही उनपर 10 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था. कुलदीप सेंगर को रेप के अलावा पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत का भी दोषी करार दिया गया था. सेंगर ने सजा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर कर रखी.