ज्ञानवापी केस में हिन्दू पक्ष को आज एक बड़ी कामयाबी उस वक्त मिली जब मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग की नियमित पूजा करने के मामले की सुनवाई करने को अदालत ने मान लिया। दरअसल कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होनी थी कि यह याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, मस्जिद कमिटी की तरफ से इस याचिका को ठुकराने की की मांग की गयी थी लेकिन अदालत ने आज इस मामले को सुनवाई योग्य मान लिया, अब इस मामले में ट्रायल चलेगा। याचिका में मांग की गई है कि उन्हें मिले हुए कथित शिवलिंग की नियमित पूजा करने का अधिकार मिले. हिन्दू पक्ष की तरफ से मांग की गयी थी कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपा जाए.
हिन्दू पक्ष की यह थी मांगें
दरअसल सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग मिलने के बाद विश्व वैदिक सनातन संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विशेन की पत्नी किरण सिंह और अन्य ने वाराणसी के फास्ट ट्रेक कोर्ट में एक अलग से याचिका दायर की थी जिसमें मांग की गयी थी कि तत्काल प्रभाव से भगवान आदि विश्वेश्वर शंभू विराजमान की नियमित पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाय, पूरे ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित किया जाय, ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपा जाय और मंदिर के ऊपर बने विवादित ढांचे को हटाया जाय.
अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी
बता दें कि 14 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार पांडे की अदालत ने फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था. मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि कि जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामला सिर्फ नियमित पूजा को लेकर था जबकि यह केस ज्ञानवापी मस्जिद के टाइटल को लेकर है. मुस्लिम पक्ष को उम्मीद थी कि अदालत हिन्दू पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस मामले में अब अगली तारीख 2 दिसंबर रखी गई है. हिन्दू पक्ष इसे अपनी एक बड़ी जीत मान रहा है.