लखनऊ। शुक्रवार से हो रही भारी बारिश और ओले की वजह से 4 की मौत हो गई है। किसानों की फसल भी बर्बाद हो गई है।
उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव दिखाई दे रहा है। आसमान से बारिश कहर बनकर बरस रही है। तेज बारिश और ओलावृष्टि की चपेट में आने से 4 लोगों की मौत हो गई। वहीं, आलू, गेहूं और सरसों किसानों को बारिश से भारी नुकसान झेलना पड़ा है। बारिश ने उनकी उम्मीदों को धराशाई कर दिया है ।
4 लोग नदी में बहे
रामपुर बरकोनिया के ग्राम प्रधान ने बताया कि कुछ लोग घाघर नदी में मछली मारने गए थे। इस दौरान तेज बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। रात्रि में जब सभी लोग वापस नहीं लौटे तो ग्रामीणों ने उनके नदी के तेज बहाव में बहने की आशंका जताई। सूचना पर पहुंची पुलिस लापता राजकुमारी, रीता, राजपति, हीरावती की तलाश में जुट गए, लेकिन देर रात तक उनका पता नहीं चल सका। आज शनिवार सुबह चारों का शव कोन थाना क्षेत्र में चकरिया में बरामद हुआ।
एडिशनल एसपी कालू सिंह ने बताया कि कोन थाना क्षेत्र में चकरिया में तीन महिलाओं और एक बच्चे का शव नदी के किनारे मिले हैं। पुलिस चकरिया में सोन नदी के आसपास के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन भी चला रही है, जिससे अन्य कोई शव अगर हो तो उसको बरामद किया जा सके।
किसान बोले- मदद करे सरकार
उधर, भारी बारिश और ओले की वजह से किसानों की रबी की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने “1 घंटे से ज्यादा ओलावृष्टि होने से फसल पूरी खराब हो गई है। किसान ऐसे ही कर्ज में हैं, इससे और ज्यादा हालात खराब हो गई है। किसानों ने सरकार से मांग है कि वो मदद करें।” बारिश और ओले की वजह से करीब एक लाख हेक्टेयर से अधिक फसल प्रभावित हुई है। जिले में कुल 153069 हेक्टेयर तक में गेहूं, 7084 हेक्टेयर में जौ, 16030 में चना, 22991 में मसूर, 5914 में सरसों की फसल की बुवाई हुई थी।
एसडीएम-तहसीलदार ने लिया फसल का जायजा
बारिश और ओले की वजह से बर्बाद हुई फसल का जायजा लेने जिले के एसडीएम संजय पांडेय और तहसीलदार अभिमन्यु कुमार पहुंचे। उन्होंने किसानों से फसल को लेकर बातचीत की और उन्हें सांत्वना भी दी।