फिरोजाबाद। विधानसभा चुनाव ( Assembly Election) भले ही समाप्त हो गए हों लेकिन इस चुनाव ने एक प्रत्याशी की जिंदगी ही बदल दी। उसके रहने और जीने का सलीका बेड़ियों में जकड़ गया। मजदूरों के हक को लेकर चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी रामदास मानव(Ramdas Manav) बेड़ियों में जकड़े होने के बाद सुर्खियों में आए थे और अब उन्होंने इन बेड़ियों को जीवन का आधार बना लिया। सदर सीट से चुनाव लड़े रामदास मानव को 6219 मत प्राप्त हुए हैं।
फिरोजाबाद जिले की सदर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रामदास मानव (Ramdas Manav) मजदूरी करते हैं। कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की आवाज बनकर वह चुनाव मैदान में उतर गए। नामांकन के दिन पहली बार उन्होंने बेड़ियां पहनीं और उसके बाद उन बेड़ियों को ही अपने जीवन का आधार बना लिया। रामदास मानव ने बताया कि कारखानों में काम करने वाला आज का मजदूर इन्हीं बेड़ियों की तरह जकड़ा हुआ है। उन्हें इन बेड़ियों से आजाद कराने के लिए वह चुनाव लड़े थे। चुनाव में उन्हें 6219 मत प्राप्त हुए थे। वह अपनी जमानत भी नहीं बचा सके लेकिन उनके इरादे अभी भी अटल् हैं।
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उन्होंने भास्कर को बताते हुए कहा कि वोट देने वाले वोटरों का बहुत धन्यवाद लेकिन जो बेड़ियां उन्होंने मजदूरों के हक के लिए पहनी थीं वह उन्हें ऐसे ही पहने रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह बेड़ियां उनके अंतिम समय तक साथ रहेंगी। जब तक वह मजदूरों को आजाद नहीं करा देते तब तक बेड़ियां नहीं छोड़ेंगे। डेढ़ साल पहले उनके नेतृत्व में चूड़ी जुड़ाई मजदूरों ने हड़ताल की थी जो 20 दिन तक चली थी। उसके बाद से ही रामदास मानव का नाम मजदूरों की जुबान पर आ गया था।