लखनऊ। आखिरकार एक बार फिर से दिल्ली दरबार और लखनऊ दरबाद की खींचतान सामने आ गई। 31 अगसत को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की विदाई के साथ ही देर रात हुए दिग्गज आईएएस के तबादलों ने लखनऊ से दिल्ली तक हलचल मचा दी। बताया जाता है कि इस तबादला सूची को जारी किए जाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात में कई घंटे तक मंथन किया। उसके बाद जाकर ये सूची जारी की गई। जारी तबादला सूची से इतना तो साफ हो गया कि जो मठाधीश बने बैठे थे उनको जमीन पर लगा दिया। इनमें वरिष्ठ आईएएस नवनीत सहगल प्रमुख है। नए चेहरों को मौका देकर मुख्यमंत्री योगी ने साफ संकेत दिए हैं कि सरकार में काम करने वालों को मौका मिलेगा। मंत्रियों और उप मुख्यमंत्री से अदावत रखने वाले आईएएस अधिकारियों को साइड कर स्पष्ट कर दिया कि सरकार की छवि और जनता से जुड़े मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर ही काम होगा। एमएसएमई, सूचना और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग जैसे विभागों के एसीएस नवनीत सहगल को खेलकूद विभाग देना और राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता को मुख्य धारा में वापस लाना और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी देने का फैसला काफी चैकाने वाला है। यह फैसला शासन सत्ता और राजनीति के गलियारों में अभी तक गूंज रहा है।
जानकारों की माने तो भले ही प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर के नौकशाहों की तबादला सूची देर रात जारी हुई लेकिन इसकी तैयारी करीब महीनों से चल रही थी। अवस्थी को सेवा विस्तार नहीं मिलने की स्थिति में उनका गृह, गोपन विभाग किसी विश्वासपात्र और ऐसे अधिकारी को दिए जाने की तैयारी थी जो पुलिस से समन्वय बनाकर मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं पर खरा उतर सके। तीन साल से मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के रूप में काम कर रहे संजय प्रसाद को इसके लिए योग्य अफसर माना गया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मनोज कुमार सिंह के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे। लिहाजा सरकार ने एपीसी से ग्राम्य विकास विभाग का कामकाज लेकर सख्त छवि के अफसर डॉ0 हिमांशु कुमार को ग्राम्य विकास विभाग में तैनात कर दिया। हाथरस कांड के बाद अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल की सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में वापसी की गई थी। उनके कामकाज से सरकार संतुष्ट नहीं थी। इसीलिए ही उन्हें हटाकर खेलकूद जैसे छोटे महकमे में भेजा है। राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता अब लंबे समय बाद सचिवालय में वापस लौटे हैं। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा के सेवाविस्तार की अवधि 31 दिसंबर 2022 को खत्म होने के बाद 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह सीएस पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं 1987 बैच के आईएएस महेश गुप्ता की ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग में तैनाती के साथ वापसी से संकेत है कि गुप्ता मुख्य सचिव पद के प्रबल दावेदार हैं।