उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर उठे विवाद के बीच आज सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने तौर पर शूद्र शब्द की व्याख्या करते हुए बताया कि शूद्र का मतलब श्रमिक से है न कि किसी सम्प्रदाय या जाति से. मुख्यमंत्री ने कहा कि रामचरित मानस ने सदियों से हिन्दू समाज एकजुट रखा है. लेकिन आज जिसे देखो वो इस पवित्र ग्रन्थ का अपमान किया जा रहा है. अगर किसी और धर्म के ग्रन्थ के बारे में ऐसी बाते कही गयी होतीं तो न जाने अबतक क्या हो गया होता।
हिन्दुओं को किया जा रहा है अपमानित
सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज धर्मग्रंथों की गलत व्याख्या कर हिंदुओं को अपमानित किया जा रहा है। रामचरितमानस की प्रतियों को फाड़ने का काम किया गया है। उन्होंने कहा ग्रन्थ में शूद्र शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि अवधी और बुंदेलखंडी में लिखे गए शब्द ‘ताड़ना’ का अर्थ किसी को मारना नहीं, देखना होता है. ठीक उसी तरह रामचरितमानस में लिखे गए शब्द ‘शूद्र’ का भी गलत अर्थ निकाला गया है। उन्होंने कहा कि शूद्र का अर्थ श्रमिक होता है, इसका किसी जाति से सम्बन्ध नहीं।
शब्दों की गलत व्याख्या
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगर किसी अन्य धर्म के ग्रंथ के साथ यही किया गया होता तो पता नहीं क्या हो जाता। इसके साथ ही उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वो मॉरीशस में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए थे। मैंने जब उनसे पूछा कि आपके पास भारत से लाई गई कोई धरोहर है तो उन्होंने मुझे रामचरितमानस दिखाई। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म चित्रकूट में हुआ था। यूपी राम और कृष्ण की धरती है, संगम की धरती है लेकिन ग्रंथों में लिखे शब्दों की गलत व्याख्या कर हिंदुओं का अपमान करना शर्मनाक है।