इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भले ही आज निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार को एक झटका देते हुए बिना OBC आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश पारित किया हो लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ़ कर दिया है कि OBC आरक्षण के बिना निकाय चुनाव नहीं कराये जायेंगे, ज़रुरत पड़ी तो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया जायेगा।
हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया सरकार का फैसला
बता दें कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के लिए सरकार की ओर से जारी ओबीसी आरक्षण को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है साथ ही तुरंत चुनाव कराने का निर्देश भी जारी किया इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के इस फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले OBC वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराइ जाएगी, इसके बाद ही चुनाव कराये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर OBC वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी इसके बाद ही नगरीय निकाय चुनाव को सम्पन्न कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा अगर जरूरी हुआ तो हाई कोर्ट के निर्णय के तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी.
87 पन्नों का आदेश पास किया
बता दें कि अपने 87 पेज के आदेश में हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होगा, बिना ओबीसी आरक्षण सरकार या निर्वाचन आयोग को चुनाव करवाने की अनुमति है. बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट में 93 पिटीशन दाखिल की गयी थीं जिनपर हाईकोर्ट ने आज 87 पेस का अपना निर्णय पारित किया है. फैसले में साफ तौर पर कहा गया है कि 5 दिसंबर को निकाय चुनाव को लेकर जो आरक्षण सूची जारी की गयी थी उसे रद्द किया जाता है और सरकार द्वारा 12 दिसंबर को की गयी प्रशसकों की नियुक्ति को भी रद्द किया जाता है.