बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उम्मीद के मुताबिक अपने जन्मदिन पर मीडिया को खिताब करते हुए आने वालों चुनावों में अकेले उतरने की घोषणा कर दी है. प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने पुराने सभी सहयोगियों को धोखेबाज़ बताते हुआ कहा कि इन सभी पार्टियों ने बसपा का चुनावी फायदा उठाया है, इसलिए भविष्य में अब किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया जायेगा।
निशाने पर सपा
मायावती ने इसके बाद देश के सभी विधानसभा चुनावों में भी अकेले उतरने का एलान किया है. इसका मतलब है कि अब वो राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी की पहचान बनाने की कोशिश करेंगी। इस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी को अपने निशाने पर रखा. मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने संसद में एससी और एसटी आरक्षण पास नहीं होने दिया, उसने संसद में बिल का परचा फाड़कर अपनी दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया था.
जीत दिलाकर दें जन्म दिन का तोहफा
मायावती ने प्रेस कांफेरेंस में कांग्रेस और बीजेपी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र में लंबे समय तक रहने के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने मंडल कमीशन को लागू नहीं होने दिया और भाजपा भी उसी के पदचिन्हों पर चलते हुए आरक्षण के हक को मार रही है, भाजपा के इसी कृत्य की वजह से निकाय चुनाव अदालतों में फंस गए हैं. मायावती ने कहा कि अगर उन्हें जन्मदिन का असली तोहफा देना है तो बसपा को जिता कर देना होगा, क्योंकि बाबा साहब के बनाये कानूनों का लाभ तभी मिल सकेगा जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार होगी।
EVM पर जताया संदेह
मायावती ने एकबार फिर कहा कि सत्ता की चाभी बसपा के हाथ में होना ज़रूरी है तभी उपेक्षित वर्गों का भला हो सकेगा। मायावती ने कहा सत्ता की चाभी जब तक पास में नहीं होगी तब तक जातिवादी लोगों के चलते दलितों को, पिछड़ों को उनका हक नहीं मिल पायेगा। मायावती ने इसके साथ ही EVM को लेकर भी संदेह जताया, उन्होंने कहा कि जनता के मन में EVM को लेकर शंकाएं हैं इसलिए चुनाव बैलेट पेपर से कराये जाने चाहिए।