भाजपा को सामाजिक न्याय की विरोधी पार्टी बताते हुए सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा लगातार पिछड़ों और दलितों को दिए जा रहे आरक्षण पर हमला कर कमजोर कर रही है। अखिलेश ने कहा कि पिछड़ों को मान-सम्मान और हक देने को लेकर भाजपा की नीयत कभी ठीक नहीं रही है। उन्होंने कहा कि कई विश्वविद्यालयों में पिछड़ों का हक मारा गया, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियों में आरक्षण की योगी सरकार द्वारा अनदेखी की गयी। सपा प्रमुख ने कहा कि दरअसल भाजपा आरक्षण के खिलाफ पिछले दरवाजे की राजनीति कर रही है।
विदेशी विश्वविद्यालयों के कैम्पस खोलने पर कही यह बात
अखिलेश यादव ने कहा कि अब देश विदेशी विश्वविद्यालयों के कैम्पस खोलने की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि यह तो आगे चलकर ही पता चलेगा कि इससे देश के छात्र-छात्राएं इन विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैम्पसों से कितना लाभाविन्त होंगे लेकिन एक बात पक्की है कि इन कैम्पसों में आरक्षण जैसी कोई व्यवस्था नहीं होगी। अखिलेश ने कहा कि जब देश और प्रदेश के विश्वविद्यालयों में पिछड़ों और दलितों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है तो भला विदेशी यूनिवर्सिटियों के कैम्पस में इन समुदायों के अध्यापकों और विद्यार्थियों को क्या मान-सम्मान और स्थान मिलेगा?
भाजपा ने पिछड़ों का हक़ मारा
अखिलेश ने कहा कि अपने राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए भाजपा पिछड़ों के साथ रहने का दिखावा कर रही है। लेकिन बीजेपी के इस छलावे को पिछड़ा और दलित समुदाय समझ चूका है, भाजपा ने हमेशा लोगों को धोखा दिया है, समय आने पर पिछड़ों को भी धोखा देगी. सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई उदाहरण है जब भाजपा सरकार ने पिछड़ों का हक मारा है। पुलिस भर्ती में आरक्षण की गलत व्याख्या कर नौजवानों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। 69 हजार शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर सरकार ने आरक्षण का घोटाला किया।