प्रयागराज। अतीक अहमद का आपराधिक इतिहास 44 साल पुराना है। साल 1779 में अतीक ने जरायम की दुनिया में कदम रखा था। प्रयागराज के चकिया इलाके का फिरोज अहमद तांगा चलाता था। फिरोज उर्फ पहलवान के बेटे अतीक का मन भी पढ़ाई-लिखाई में नहीं था और हाईस्कूल में फेल हुआ तो उसने पढ़ाई छोड़ दी। इस दौरान उसे कम मेहनत कर अमीर बनने का चस्का लग गया। इस पर वो गलत धंधे में उतरा और रंगदारी वसूलने लगा।
चांद बाबा की हत्या का लगा आरोप
28 साल का अतीक जब पहली बार विधायकी के इलेक्शन में खड़ा हुआ तो उसे हारने के लिए कुख्यात चांद बाबा भी मैदान में उतर आया पर अतीक अहमद इस चुनाव में 8102 वोटों से जीतकर पहली बार सदन पहुंचा। उधर यह हार चांद बाबा नहीं हजम कर पाया और तीन महीने बाद ही अतीक के साथ एक गैंगवार हुई जिसमें चांद बाबा की मौत हो गयी। इसका आरोप भी अतीक पर लगा है।
अतीक अहमद दबंग था,माफिया था या हत्यारा था ये किसी को नहीं पता पर साल 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद अतीक अहमद का माफिया होना सिद्ध हुआ जब विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गयी। साल 2004 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सिम्बल से अतीक ने चुनाव लड़ा और वो सांसद हो गया। इस वजह से इलाहबाद पश्चिम सीट खाली हो गयी और उस पर उपचुनाव हुए। अतीक ने अपने भाई अशरफ को खड़ा किया और बसपा ने राजू पाल को टिकट दे दिया। राजू पाल ने इस चुनाव में अतीक के भाई अशरफ को शिकस्त दी थी।
राजू पाल हत्या में आया नाम
इसके बाद नाटकीय ढंग से विधायक राजूपाल का अपहरण हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गयी। इस मामले में अशरफ और अतीक को आरोपी बनाया गया और उन्हें पकड़ लिया गया। इस मामले में ही मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को गोली मरकर धूमनगंज में हत्या कर दी गयी थी, जिसमें अतीक और अशरफ आरोपी हैं। वहीं उसका बेटा हाल ही में एनकाउंटर में झांसी में मारा गया है।
बसपा ने की सख्ती
अतीक अहमद के ऊपर भाजपा सरकार के पहले बसपा सरकार ने शिकंजा कसा था। उस जमाने में अतीक सलाखों के पीछे भी गए थे तो उनका ऑफिस बसपा सरकार ने जमीदोज करवाया था। जानकारों का कहना है कि साल 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड में अतीक भी आरोपी था और सत्ता में आते ही मायावती ने कार्रवाई शुरू कर दी थी।
44 साल पुराना है। साल 1779 में अतीक ने जरायम की दुनिया में कदम रखा था। प्रयागराज के चकिया इलाके का फिरोज अहमद तांगा चलाता था। फिरोज उर्फ पहलवान के बेटे अतीक का मन भी पढ़ाई-लिखाई में नहीं था और हाईस्कूल में फेल हुआ तो उसने पढ़ाई छोड़ दी। इस दौरान उसे कम मेहनत कर अमीर बनने का चस्का लग गया। इस पर वो गलत धंधे में उतरा और रंगदारी वसूलने लगा।