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Sahara Chief Subrata Roy: खामोशी से विदा हुआ यूपी का शो मैन, कौन संभालेगा साम्राज्य

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Sahara Chief Subrata Roy: सुब्रत राय को यूपी का शोमैन कहा जाता था। सुब्रत राय ने लखनऊ जैसे शहर में सियासत के बड़े खिलाड़ियों से लेकर स्टारडम तक को आने के लिए मजबूर कर दिया। सहारा शहर के एग्जिबिशन गैलरी में खड़ा पुराना स्कूटर और हर गलियारे में सुब्रत रॉय की मुस्कराती हुई तस्वीर…यूपी के शोमैन की जिंदगी के सफर को समेटने और याद रखने के लिए दो पहलू काफी हैं। सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद दो बड़े सवाल जन्म ले चुके हैं।

हर बड़े राजनेता को उन्होंने सहारा की चौखट तक आने को मजबूर कर दिया

आखिर सहारा के अरबों रुपए के साम्राज्य को कौन संभालेगा, लाखों निवेशकों की रकम कैसे वापस होगी। हालांकि उनके बुरे समय में सबने साथ छोड़ दिया था। सुब्रत राय ने कभी सियासत में आने की रुचि नहीं दिखाई। लेकिन देश के हर बड़े राजनेता को उन्होंने सहारा की चौखट तक आने को मजबूर कर दिया।

बसपा सरकार में उन पर सरकारी मशीनरी ने हथौड़ा चलाया। सपा सरकार में उनकी समृद्धि बढ़ती रही। सुब्रत राय के साथ उनके भाई जयब्रत राय सहारा समूह संभालते रहे हैं। इसी तरह सहारा समूह में अपनो खास जगह बनाने वाले ओपी श्रीवास्तव ने अभी तक उनका साथ नहीं छोड़ा।
निवेशकों की बात करें तो सहारा समूह का करीब 25 हजार करोड़ रुपए सेबी के पास जमा है। सेबी लगातार सहारा के निवेशक नहीं होने के दावे करता रहा है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए पोर्टल में तमाम दावे आने से यह भ्रम समाप्त होता नजर आया है। अब देखना यह है कि निवेशकों की रकम को किस तरह जल्दी वापस किया जाएगा।

मुलायम सिंह यादव से लेकर बड़े नेताओं से करीबी रिश्ते

सुब्रत राय का चार दशक का कारोबारी सफर सफलता की बुलंदियों को छूने वाला रहा है। लखनऊ के सहारा शहर में राजनेताओं, फिल्म कलाकार और क्रिकेटर्स का लगने वाला जमावड़ा इसका गवाह है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से उनके करीबी रिश्ते जगजाहिर थे। भाजपा और कांग्रेस के तमाम बड़े नेता भी उनके मुरीद थे।

चिटफंड से सिनेमा तक आजमाया हाथ

साल 1978 में स्कूटर और 42 निवेशकों के साथ शुरू हुई चिटफंड कंपनी से सहारा ग्रुप धीरे-धीरे देश के तमाम उद्योगों में जगह बनाता चला गया। रियल स्टेट, टेलीकॉम, टूरिज्म, एयरलाइन, सिनेमा, खेल, बैंकिंग के बाद मीडिया जैसे क्षेत्रों में सुब्रत रॉय सहारा ने हाथ आजमाए। सहारा कंपनी ने न्यूयार्क, लंदन में अपने पैर जमाए। एक दौर ऐसा रहा जब प्रतिष्ठित टाइम्स मैग्जीन ने सहारा ग्रुप को भारत में रेलवे के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाली कंपनी का तमगा दिया। सुब्रत रॉय सहारा अपनी कंपनी को परिवार कहते थे। खुद को इस परिवार का अभिभावक बताते थे।

टीम इंडिया की स्पांसरशिप, बेटों की शादी बनी मिसाल

उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को कई साल तक स्पांसर किया। इसी तरह हॉकी को प्रोत्साहित किया। बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन, मशहूर राजनेता अमर सिंह उनके पारिवारिक सदस्यों जैसे थे। सुब्रत राय बड़े उत्साह से भारत पर्व कार्यक्रम आयोजित कराते थे। उनके दोनों बेटों की शादी लखनऊ में शाही अंदाज में हुई थी। जिसमें देश-विदेश से मशहूर हस्तियों को आमंत्रित किया था। शादी में खर्च की चर्चा सालों तक लोगों की जुबान पर रही। सहारा समूह गरीब लड़कियों का सामूहिक विवाह समारोह भव्य तरीके से आयोजित करता था। गोरखपुर और लखनऊ में श्मशान घाट के पुनरुद्धार का काम सहारा समूह ने किया था।

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