पुलिस स्मृति दिवस: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के उपलक्ष्य पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अऩेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा
इस अवसर पर अपने संबोधन की शुरूआत आज़ादी से अब तक देश की आंतरिक और सीमाओं की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले 36,250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से कहा कि आज भारत दुनिया में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसकी नींव में शहीदों का बलिदान है और ये देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा। शाह ने कहा कि किसी भी देश की आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा एक सजग पुलिस तंत्र के बिना संभव नहीं है।
पुलिसकर्मी को अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौका नहीं मिलता
देश की सेवा में लगे सभी कर्मियों में से सबसे कठिन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की होती है, दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी, त्यौहार हो या सामान्य दिन, पुलिसकर्मी को अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौका नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि देश की लंबी भू-सीमा पर जीवन के स्वर्णिम वर्ष अपने परिवार से दूर रहकर देश की सुरक्षा में बिताने और वीरता, शौर्य और बलिदान देकर देश को सुरक्षित रखने का काम हमारे सभी पुलिसबल करते हैं। शाह ने कहा कि चाहे आतंकवादियों का मुकाबला करना हो, अपराध रोकना हो, भीड़ के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखना हो, आपदाओं औऱ दुर्घटनाओं के समय आम नागरिकों की सुरक्षा करनी हो या कोरोनाकाल जैसे कठिन समय के दौरान पहली पंक्ति में रहकर नागरिकों की सेवा करना हो, हमारे पुलिसकर्मियों ने हर मौके पर अपने आप को साबित किया है। 01 सितंबर, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक पिछले 1 साल में 188 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
पिछले एक दशक में पुलिसकर्मियों के कारण आतंकवाद, उग्रवादी हमलों में कमी
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमृतकाल का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 वर्ष समाप्त होने से लेकर आज़ादी की शताब्दी तक के 25 साल देश को हर क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुंचाने के 25 वर्ष हैं। इसके लिए देश के 130 करोड़ लोगों ने सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से संकल्प लिए हैं और इन संकल्पों के संपुट से हमें दुनिया में हर क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकेगा। श्री शाह ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के कारण आतंकवाद, उग्रवादी हमलों, नक्सलवाद औऱ नस्लीय हिंसा में इसके सर्वोच्च स्तर से 65 प्रतिशत की कमी आई है।