माणिक साहा ने आज प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. माणिक साहा के साथ आठ और मंत्रियों ने उनके साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी शामिल हुए, वहीँ कांग्रेस पार्टी ने चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसक घटनाओं के विरोध में शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
चार मंत्रियों को फिर मिला मौका
नई सरकार में चार मंत्रियों को बरकरार रखा गया है जो पिछली सरकार की कैबिनेट में भी थे. ये नाम हैं रतन लाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, शांताना चकमा और सुशांत चौधरी के. मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरों टिंकू रॉय, बिकाश देबबर्मा और सुधांशु दास के नाम हैं. सहयोगी दल इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा की शुक्ला चरण नोआतिया ने मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
लेफ्ट-कांग्रेस ने किया बहिष्कार किया
बता दें कि माणिक साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. 2022 में बिप्लव देव को हटाकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था. इससे पहले उन्हें त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी दी गयी थी. माणिक साहा पेशे से एक डेंटल सर्जन हैं.वहीँ कांग्रेस और सीपीएम गठबंधन ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया. पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार और लेफ्ट की दूसरी पार्टियों के सचिवों को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन लेफ्ट फ्रंट ने कार्यक्रम के बॉयकॉट का फैसला किया. त्रिपुरा राज्य कांग्रेस प्रमुख बिरजीत सिन्हा ने कहा कि 2 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से एक हज़ार से ज़्यादा त्रिपुरा में हिंसा की अधिक घटनाएं हुई हैं.