उत्तरकाशी- उत्तराखंड अपने धार्मिक स्थलों और उनकी मान्यताओं के लिए ही नहीं बल्कि एडवेंचरस ट्रैक के लिए भी जाना जाता है. इन्हीं ट्रैक में से एक है कालिंदी खाल पास ट्रैक (Kalindi Khal Pass Trek). इस ट्रैक को हिमालय का सबसे कठिन पर्वतीय ट्रैक कहा जाता है. अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो आपके लिए यह ट्रैक काफी रोमांच भरा हो सकता है. इस ट्रैक पर आपको प्राकृतिक सौंदर्य और बर्फ से ढकी हुई हिमालय की पर्वत श्रंखला के दीदार तो होंगे साथ में अलग अलग प्रजातियों के पशु पक्षी भी आपके स्वागत करते दिखाई देंगे. 90 किलोमीटर के इस ट्रक में आप 15 दिन मैं गंगोत्री से बद्रीनाथ तक का सफर तय कर लेते हैं.
ट्रेकिंग के लिए परमिट है जरूरी
उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित कालिंदी खाल पास समुद्र तल से करीब 6000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है कालिंदी खाल पर भारत के सबसे कठिन ट्रकों में से एक माना जाता है. इसीलिए अगर आप इस ट्रैक पर ट्रैकिंग करना चाहते हैं तो पूरी तैयारी के साथ ही ट्रैकिंग शुरू करें. करीब 2 हफ्ते से भी अधिक लंबे इस ट्रैकिंग में आपको खूबसूरत पहाड़ , झरने और प्राकृतिक सौंदर्य आपकी इस ट्रैकिंग को रोमांच से भर देंगे. कालिंदी खाल पास ट्रैकिंग पर ट्रैक करने के लिए आपको परमिट लेना होगा. यह परमिट आपको उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और डीएफओ से लेना होता है. इसके लिए आपको अपने पास फोटो और पहचान पत्र होना आवश्यक है. अगर आप परमिट नहीं लेंगे तो इस ट्रैक को नहीं कर पाएंगे. क्योंकि इस ट्रैक पर जगह-जगह चेकिंग होती है. इसलिए यह परमिट यहां ट्रैकिंग करने के लिए आवश्यक है.
15 दिन का रोमांचकारी सफर
सबसे पहले आपको गंगोत्री पहुंचना होता है यहां से आप अपने ट्रेकिंग की शुरुआत कर सकते हैं पहले दिन आप गंगोत्री पहुंचकर पूरी तरह से आराम करें क्योंकि अगले दिन आपका ट्रैकिंग का सफर शुरू होगा.
ट्रैकिंग के पहले दिन आपको सूरज जंगलों से निकलते हुए भागीरथी नदी के किनारे किनारे भोजवाजा पहुंच जाएंगे. भोजबासा समुद्र तल से 3972 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह ट्रैकिंग का पहला पड़ाव होगा.
ट्रेकिंग के दूसरे पड़ाव के लिए आप भोजभाषा से गोमुख के लिए आगे बढ़ेंगे. आप इस खूबसूरत जगह को देखते हुए तपोवन पहुंच जाएंगे. तपोवन समुद्र तल से 4463 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसके बाद आप नंदनवन ट्रेकिंग के तीसरे पड़ाव के लिए अगले दिन यात्रा शुरू कर सकते हैं. जहां पर रात्रि विश्राम करने के बाद आप वासुकी ताल आपको पहुंचना होगा. वासु की ताल समुद्र तल से 4880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. वासुकी ताल एक खूबसूरत झील है. जो सर्दियों में जम जाती है लेकिन गर्मियों में इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है. वासुकी ताल से अगले दिन आप खरा पत्थर के लिए अपना सफर शुरू करते हैं.
करीब 5 से 6 घंटे का सफर तय कर आप खरा पत्थर पहुंच जाएंगे. खरा पत्थर से श्वेता ग्लेशियर आपका अगला पड़ाव होगा. श्वेता ग्लेशियर के बाद आप कालिंदी खाल बेस कैंप के लिए आगे बढ़ेंगे. कई दिनों की थकान भरी ट्रैकिंग करने के बाद आप कालिंदी खाल बेसकैंप पास पहुंचते हैं. यहां का खूबसूरत नजारा देखकर आपकी सारी थकावट दूर हो जाती है. यहां से आग अरवांचल थी और उसके बाद घाटोली पहुंचेंगे. यहां के खूबसूरत नजारे आपको अपनी यात्रा में सुकून के साथ-साथ रोमांच भी देते हैं.