लाइफस्टाइल डेस्क। Makar Sankranti Celebrations: हर साल मकर संक्रांति में कई अलग रंग और रूप देखने को मिलते है। कई राज्यों में तो आपको इस दिन अनोखे रीति-रिवाज और आयोजन देखने को मिल सकते है।
बता दे, ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में गोचर के पहले दिन का और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक होता है। ये एकमात्र भारतीय त्योहार है जो सौर चक्रों के अनुसार मनाया जाता है।
आइए जानते है की मकर संक्रांति पर किसी जगह पर कैसे मनाई जाती है।
दक्षिण भारत
मकर संक्रांति को पोंगल कहते हैं, जिसमें चार दिवसीय आयोजन होते हैं, पहला भोगी – पोंगल, दूसरा दिन सूर्य- पोंगल, तीसरा दिन मट्टू- पोंगल और चौथा दिन कन्या- पोंगल। चावल के पकवान, रंगोली और भगवान कृष्ण की पूजा यहां की जाती है।
वही, केरल में इसे मकर विलक्कू कहते है, कर्नाटक में ‘एलु बिरोधु’ नामक एक अनुष्ठान के साथ संक्रांति मानते है। इसमें महिलाएं कम से कम 10 परिवारों के साथ एलु बेला का आदान-प्रदान करती हैं। आंध्र प्रदेश में संक्रांति का पर्व तीन दिन मनाया जाता है, लोग पुरानी चीजों को फेंक कर नई चीजें लाते हैं। साथ ही खेत, गाय और बैलों की पूजा करते हैं।
पंजाब
पंजाब में मकर संक्रांति को माघी कहते है, इस दिन तड़के नदी में स्नान का विशेष महत्व है और तेल से दीपक जलाते हैं। साथ ही यहां श्री मुक्तसर साहिब में एक प्रमुख मेला आयोजित होता है। लोग खिचड़ी, गुड़ और खीर खाते हैं।
गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश
गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण कहते है, ये 2 दिनों तक चलता है। इस दिन यहां बड़े उल्लास से काइट फेस्टिवल मनाया जाता है और उंधियू और चिक्की खाते है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में के कुछ हिस्सों में संक्रांत कहते हैं, जिसमे महिलाएं एक अनुष्ठान का पालन करती हैं जिसमें वे 13 विवाहित महिलाओं को किसी भी प्रकार की वस्तु देती हैं।
उत्तराखंड
कुमाऊं में इसे घुघुती कहते है और गढ़वाल में खिचड़ी संक्रांत कहा जाता है, भारतीय धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता और मौसम में बदलाव होता है। साथ ही पहाड़ी चिड़िया घुघुती पहाड़ों पर आती है।
इसके अलावा, हिमाचल, कश्मीर, ओडिशा आदि जैसी जगहों पर भी अलग-अलग तरह से मकर संक्रांति मनाई जाती है।