आशंका सही साबित हुई, भाजपा में गाँधी परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरुण गाँधी का पीलीभीत से टिकट कट गया है, आगे क्या होगा भगवान् जाने , राजनीति है कुछ भी हो सकता है , हो सकता है भाजपा गाँधी परिवार को गाँधी परिवार से ही लड़ा दे, यानि वरुण गाँधी को अमेठी या रायबेरली से मैदान में उतार दे। बहरहाल ये तो आगे की बात है, अभी बड़ा लम्बा चुनाव है. फिलहाल भाजपा ने 111 उम्मीदवारों की जो पांचवीं सूची जारी की है उसमें वरुण का नाम नदारद है. यूपी की एक और सीट के लिए भाजपा ने ज़बरदस्त दांव चला है, भाजपा ने पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने के लिए मेरठ की सीट से भगवान् राम को चुनावी मैदान में उतार दिया है , मेरा मतलब अरुण गोविल से है जिन्होंने रामायण सीरियल में भगवान् राम की भूमिका निभाई थी और उस ज़माने में वो वाकई घर घर राम ही माने जाते थे. हालाँकि लिस्ट में वरुण की माँ मेनका गाँधी का नाम है, उन्हें सुल्तानपुर से फिर मैदान में उतारा गया है.
भाजपा की पांचवीं सूची में उत्तर प्रदेश से 13 नाम शामिल हैं. वरुण गाँधी की जगह पीलीभीत से भाजपा ने कांग्रेस से कुछ साल पहले आयतित जितिन प्रसाद को टिकट दिया है. इसके अलावा सहारनपुर से राघव लखनपाल को टिकट दिया गया. वहां दो अल्पसंख्यक उम्मीदवारों की लड़ाई में उन्हें फायदा मिल सकता है. कांग्रेस और बसपा से मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं. मुरादाबाद से सर्वेश सिंह, सुल्तानपुर से मेनका गांधी, कानपुर से रमेश अवस्थी, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, अलीगढ़ से सतीश गौतम, हाथरस (SC) से अनूप वाल्मीकि, बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार, बाराबंकी(SC) से राजरानी रावत, बहराईच (SC) अरविंद गोंड को चुनावी मैदान में उतारा है. वरुण गाँधी के अलावा भाजपा ने गाजियाबाद से दो बार के सांसद जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया है.