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तिरुपति लड्डू विवाद: अमूल ने मंदिर को घी सप्लाई करने के दावों को नकारा

tirupati

तिरुपति लड्डू विवाद अब अदालतों में पहुंच गया है, वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता वाई वी सुब्बा रेड्डी ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। वहीँ भारत के प्रमुख डेयरी ब्रांड अमूल ने 20 सितंबर को स्पष्टीकरण जारी कर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी सप्लाई करने में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।

अमूल ने एक बयान में सोशल मीडिया पर चल रही उन अफवाहों को संबोधित किया, जिनमें दावा किया गया था कि कंपनी मंदिर को घी सप्लाई कर रही है। कंपनी ने कहा, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि अमूल ने कभी भी टीटीडी को घी सप्लाई नहीं किया है।” साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि उनका घी आईएसओ प्रमाणित सुविधाओं में उच्च गुणवत्ता वाले दूध से बनाया जाता है।

बयान में कहा गया, “अमूल घी पूरी तरह से दूध की चर्बी से बनाया जाता है, जिसकी गुणवत्ता की कड़ी जांच की जाती है, जिसमें एफएसएसएआई मानकों के अनुरूप मिलावट की जांच भी शामिल है। इस स्पष्टीकरण का उद्देश्य अमूल के खिलाफ गलत सूचना अभियान को रोकना है।”

बता दें कि यह विवाद 18 सितंबर को उस समय शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए लड्डू की तैयारी में घटिया सामग्री और जानवर की चर्बी का उपयोग करने का आरोप लगाया। नायडू ने आरोप लगाया कि तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा गया।

टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने यह भी दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने टीटीडी द्वारा इस्तेमाल किए गए घी के नमूनों में गोमांस की चर्बी, चरबी और मछली के तेल की मौजूदगी की पुष्टि की है। यह मुद्दा अब अदालतों में पहुंच गया है, जहां वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता वाई वी सुब्बा रेड्डी ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में एक अलग याचिका दायर की गई है, जिसमें तर्क दिया गया है कि इस तरह की हरकतें मौलिक हिंदू धार्मिक रीति-रिवाजों का उल्लंघन करती हैं और भक्तों की भावनाओं को गहराई से आहत करती हैं।

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