ED Action: अमेरिका निवासी पवन कुचाना, वानूआतू गणराज्य निवासी निर्मल कोटेचा और किशोर तापड़िया को 11 अक्टूबर को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया था। उन्हें गुरुवार को हैदराबाद में एक विशेष अदालत में पेश किया गया। जिसने उन्हें 25 अक्तूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हैदराबाद में करोड़ों रुपए के कथित आईपीओ घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें अमेरिका का एक निवासी, वानुअतु का एक और एक भारतीय शामिल है। अमेरिका निवासी पवन कुचाना, वानूआतू गणराज्य के निवासी निर्मल कोटेचा और किशोर तापड़िया को 11 अक्टूबर को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया था।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 1992 के सेबी अधिनियम के तहत तक्षशील सॉल्यूशंस लिमिटेड, उसके प्रवर्तकों और निदेशकों तथा अन्य के खिलाफ 10 रुपए मूल्य के 55,00,000 रुपए के शेयरों के आईपीओ के संबंध में अनियमितताओं को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। शेयरों का इश्यू प्राइस 150 रुपण् तय किया गया था और इसके जरिए तक्षशील ने 80.50 करोड़ रुपए जुटाए थे। एजेंसी ने एक बयान में यह जानकारी दी।
पवन कुचाना, निर्मल कोटेचा और किशोर तापड़िया ने आईपीओ जारी करने के लिए तक्षशील सॉल्यूशंस लिमिटेड के राजस्व को बढ़ाने और बाद में आईपीओ से प्राप्त राशि को डायवर्ट करने के लिए सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध रणनीति तैयार की। ईडी ने कहा कि आईपीओ जारी करने की सुविधा के लिए निर्मल कोटेचा ने तक्षशील सॉल्यूशंस लिमिटेड को 34.50 करोड़ रुपये के अंतर-कॉर्पोरेट जमा (आईसीडी) की व्यवस्था की।
दावा किया कि उक्त धन को पवन कुचाना से संबंधित अमेरिकी कंपनियों के माध्यम से “घुमाया” गया था और आईपीओ से पहले तक्षशील सॉल्यूशंस लिमिटेड के साथ परिपत्र लेनदेन किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप “वृद्धिशील राजस्व” और लाभप्रदता में वृद्धि हुई थी। आईपीओ के बाद आईसीडी का भुगतान आईपीओ से प्राप्त राशि से किया गया।
ईडी ने आरोप लगाया कि आईपीओ से प्राप्त 80.50 करोड़ रुपये में से 34.50 करोड़ रुपये की राशि को सेवाओं की आपूर्ति के लिए भुगतान के बहाने पवन कुचाना की अमेरिका स्थित इकाइयों में भेज दिया गया। अमेरिका स्थित इन इकाइयों से 30.50 करोड़ रुपये निर्मल कोटेचा के नियंत्रण वाली सिंगापुर और हांगकांग स्थित इकाइयों को हस्तांतरित किए गए।
ईडी के अनुसार, “18 करोड़ रुपये की अपराध की आय को आईपीओ से संबंधित खर्चों, विक्रेताओं को भुगतान, एसटीपीआई विकास व्यय, वेतन आदि के बहाने तक्षशील सॉल्यूशंस लिमिटेड से विभिन्न व्यक्तियों/संस्थाओं को हस्तांतरित किया गया था।”
ED Action: IPO धोखाधड़ी मामले में दो विदेशी नागरिकों सहित तीन गिरफ्तार, ऐसे की गड़बड़ी
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