प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कल लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद आज राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को अपने निशाने पर रखा. प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वो हैरान हैं कि जो लोग आजकल संविधान की प्रति लेकर कूदते रहते हैं, उन लोगों ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का विरोध किया था. प्रधानमंत्री की इस बात पर विपक्ष ने ज़ोरदार विरोध दर्ज कराया और फिर सदन का बहिष्कार कर दिया जिस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग सच्चाई को सुनने की हिम्मत नहीं करते।
विपक्ष के बायकाट के बाद सभापति ने जगदीप धनकड़ ने एक लम्बा चौड़ा भाषण दिया और कहा कि विपक्ष के इस बर्ताव की वो निंदा करते हैं, वो बहुत दुखी हैं, विपक्ष ने आज सभापति को पीठ नहीं दिखाई है बल्कि संविधान को पीठ दिखाई है, देश आज इनको देख रहा है, इन्होने सदन की मर्यादा को तोड़ा है. बता दें विपक्ष का कार्रवाई का बायकाट करना अगर सदन की मर्यादा तोडना है तो भाजपा यूपीए शासन के दौरान बहुत बार मर्यादा तोड़ चुकी है, बल्कि यूपीए-2 के दौरान भाजपा ने जितना व्यवधान पहुँचाया उतना शायद संसद के इतिहास में कभी नहीं हुआ लेकिन इस तरह लोकसभा में स्पीकर और राज्यसभा में सभापति के द्वारा कभी सरकारी तौर भाषण नहीं दिया गया जैसा आज जगदीप धनकड़ ने दिया।
बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बालक बुद्धि और कांग्रेस पार्टी को परजीवी बताया था. इस तरह व्यक्तिगत आरोप और किसी राजनीतिक पार्टी को parasite शायद सदन की मर्यादा के बिलकुल अनुरूप कहा जायेगा।