प्रयागराज में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ में तीसरा भव्य अमृत स्नान जारी है। लाखू श्रद्धालु पवित्र स्नान के माध्यम से आध्यात्मिक मुक्ति की तलाश कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह से ही लखनऊ से महाकुम्भ की स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से नज़र रख रहे हैं।
अधिकारीयों के मुताबिक सुबह 6 बजे तक, पहले अखाड़े ने अपना स्नान पूरा कर लिया था, जबकि जूना अखाड़े सहित अन्य अखाड़ों के लिए प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही थी, जिसके नागा इस आयोजन का मुख्य आकर्षण हैं। हेलीकॉप्टर से स्नान क्षेत्र में गुलाब की पंखुड़ियाँ बरसाई जा रही हैं ।
सूचना निदेशक शिशिर ने बताया कि सुबह चार बजे तक 16.58 लाख श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके थे। 13 जनवरी से अब तक कुल 34.97 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। इसमें 10 लाख कल्पवासी और 6.58 तीर्थयात्री शामिल हैं।
बसंत पंचमी का पवित्र स्नान अनुष्ठान मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को अमृत स्नान के दौरान मची भगदड़ों के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो गया है। इन भगदड़ों में कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य घायल हो गए थे।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर संगम तट पर भीड़ उमड़ने के विपरीत इस बार स्थानीय प्रशासन और पुलिस के प्रयासों और लोगों की जागरूकता के कारण कई श्रद्धालु विभिन्न घाटों पर स्नान करते नजर आए।
मौनी अमावस्या के बाद से किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन उपायों को मजबूत किया है। परंपरा के अनुसार, संन्यासी, बैरागी और उदासीन तीन संप्रदायों से संबंधित अखाड़े पूर्व निर्धारित क्रम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं, जिसमें पहला समूह पहले से ही गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में डुबकी लगा रहा है। प्रत्येक अखाड़े को पवित्र जल में 40 मिनट का समय दिया गया है ।
अमृत स्नान करने वाला अंतिम समूह उदासीन संप्रदाय होगा, जिसमें श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण और श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा शामिल हैं।