कोरोना महामारी के झटके अभी भी हलके हलके जारी हैं इसी बीच एक नया जानलेवा वैरिएंट कई देशों में दस्तक दे चूका है। इस वैरिएंट की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। विशेषज्ञों ने इसे लेकर चेतावनी दी है कि नया ‘घातक’ एम्पॉक्स वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, जिससे गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। 10 में से एक बच्चा बुखार, चकत्ते और मवाद भरे छालों से पीड़ित होकर मर रहा है। एम्पॉक्स को पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था।
अफ्रीकी महाद्वीप के मध्य में स्थित डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और उसके आसपास के देश अभी 2022-23 में एम्पॉक्स वैरिएंट के प्रकोप से उबरे हैं, जहां 100,000 लोग संक्रमित हुए थे। सूत्रों का कहना है कि इस महामारी को दोबारा फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं। अब इस वैरिएंट का एक और जानलेवा रूप सामने आ रहा है, जिससे बच्चों में मृत्यु दर 10 फीसदी बताई गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि एम्पॉक्स का एक नया वैरिएंट ‘क्लेड 1बी’ फैल रहा है, जिसने हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी देशों में दर्जनों लोगों की जान ले ली थी। एनएचएस ने पश्चिम अफ्रीका से ब्रिटेन की यात्रा करने वाले लोगों से अपील की है कि अगर उनमें एम्पॉक्स के लक्षण दिखें तो वे तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
आपको बता दें कि मध्य और पूर्वी अफ्रीका में पाया जाने वाला एम्पॉक्स 1970 के दशक की शुरुआत से ही लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। हालांकि, अब इस बीमारी के लिए टीके भी उपलब्ध हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक जानलेवा बीमारी है, जिसमें वृद्ध लोगों में मृत्यु दर 5 प्रतिशत है।
कांगो गणराज्य के अधिकारियों ने जून में एंटी-एम्पॉक्स वैक्सीन को मंजूरी दी थी, जिसने पिछले साल 20,000 मामलों में से 1,000 लोगों की जान ले ली थी। कई लोग चिंतित हैं कि इस वैरिएंट से प्रभावित देशों के पास टीके नहीं हैं, इसलिए यह फिर से फैल सकता है। इस साल डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में 11,000 मामले सामने आए हैं।