विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में कानून बहुसंख्यकों की प्राथमिकताओं के अनुरूप होने चाहिए जैसा विवादित बयान देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तलब किया है। जानकारी के मुताबिक, भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाला कॉलेजियम इस मामले पर चर्चा करने के लिए शीर्ष अदालत के शीतकालीन अवकाश से पहले 17 दिसंबरको बैठक करेगा।
बता दें कि यह विवादित बयान 8 दिसंबर को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में जस्टिस यादव ने समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए दिया था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जस्टिस यादव कहते हुए दिख रहीं कि समान नागरिक संहिता लागू करने का समर्थन करना चाहिए और कानून बहुसंख्यकों की प्राथमिकताओं के अनुरूप होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कहने में बिल्कुल भी बुराई नहीं है कि हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यकों के हिसाब से देश चलेगा। यही कानून है। उन्होंने कहा कि आप यह भी नहीं कह सकते कि हाईकोर्ट के जस्टिस होने के नाते वह यह बात कह रहे हैं। जस्टिस कहते हैं कि परिवार, समाज कहीं भी देखिये कानून तो बहुसंख्यकों से ही चलता है। जहाँ ज़्यादा लोग जो कहते हैं वहीँ माना जाता है.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद बयान की काफ़ी आलोचना हुई थी, जस्टिस यादव के बयान और टिप्पणियों को विभाजनकारी और असंवैधानिक बताया गया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिपोर्ट तलब की थी। जस्टिस यादव की टिप्पणियों की कानूनी हलकों में भी निंदा की गई थी और इसे न्यायिक निष्पक्षता का उल्लंघन बताया गया था। बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने भी जज की टिप्पणी की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।