उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में सत्संग भगदड़ के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है। इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने मुख्य सेवादार मधुकर को एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया है। इससे पहले मधुकर के बारे में जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई थी। इस बीच पहली बार मीडिया के सामने आकर भोले बाबा ने घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि सभी को शासन प्रशासन पर भरोसा रखना चाहिए और उन्हें पूरा विश्वास है कि जो भी दंगाई होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। भोले बाबा ने आगे कहा, हमने अपने वकील डॉ. एपी सिंह के माध्यम से समिति के महापुरुषों से प्रार्थना की है कि वे दिवंगत आत्माओं के परिवारों और इलाज करा रहे घायलों के साथ तन, मन और धन से आजीवन खड़े रहें। सभी को महामना का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। वे इस समय माध्यम हैं। हम कामना करते हैं कि सभी को सद्बुद्धि और सद्बुद्धि मिले। नारायण साकार हरि की जय-जयकार पूरे ब्रह्मांड में हो।
बता दें कि भगदड़ के सिलसिले में छह लोगों की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पुलिस ने मधुकर को गिरफ्तार किया है। ये सभी छह लोग सत्संग आयोजन समिति के सदस्य थे। वहीं, उनके वकील ने शुक्रवार रात दावा किया है कि देवप्रकाश मधुकर ने दिल्ली में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
गौरतलब है कि दो जुलाई को स्वयंभू संत और प्रवचनकर्ता नारायण साकार हरि उर्फ ’भोले बाबा’ के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। एफआईआर के मुताबिक, कार्यक्रम में 2.50 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे, जबकि प्रशासन ने सिर्फ 80 हजार लोगों को ही अनुमति दी थी। एफआईआर के मुताबिक, सत्संग आयोजकों ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों की वास्तविक संख्या छिपाने की कोशिश की और बाबा के अनुयायियों की चप्पलें और अन्य सामान पास के खेतों में फेंक दिया। कहा जा रहा है कि भगदड़ तब मची, जब कई श्रद्धालु प्रवचनकर्ता के पैरों की मिट्टी लेने के लिए दौड़े। उनका मानना था कि इससे उनकी सभी बीमारियां ठीक हो सकती हैं।