वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित की गयी जेपीसी में सिर फुटव्वल के बीच असम की क्षेत्रीय पार्टी एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल का बयान आया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि देश की नई संसद वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है। उनके दावे के मुताबिक संसद भवन, उसके आसपास के इलाके, वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक वक्फ की संपत्ति पर बने हैं।
बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म किया, तीन तलाक को खत्म किया, उसी तरह वह वक्फ को नुकसान पहुंचाना चाहती है। भाजपा का लक्ष्य इस्लाम के अनुयायियों को परेशान करना है। यही पीएम मोदी और अमित शाह का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस बार उन्होंने सबसे खतरनाक काम किया है। हमारे बाप-दादा और पूर्वजों ने पूरे देश में हर गली-मोहल्ले में करोड़ों रुपये की संपत्ति वक़्फ़ को दी है। लेकिन सरकार इसे हड़पना चाहती है। यह सरकार पूरे देश से मुसलमानों को खत्म करना चाहती है।
बता दें कि जेपीसी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही है हालाँकि इसमें एक राय नहीं बन पा रही है. जेपीसी में विपक्षी पार्टयों के सदस्य सरकार पर मनमानी करने का और भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं और बैठकों का बायकॉट कर रहे हैं. मंगलवार को भी जेपीसी की बैठक में काफी हंगामा हुआ और कई सदस्यों ने बैठक का बीच में बहिष्कार किया। इस मामले में कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया गया कि विधेयक पर विचार कर रही जेपीसी बैठक में संसदीय आचार संहिता का उल्लंघन किया गया।
यह पत्र कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पादी के बयान के बाद कई विपक्षी सांसदों द्वारा बैठक का बहिष्कार करने के एक दिन बाद आया है। अनवर ने वक्फ संपत्तियों के कथित गबन में मल्लिकार्जुन खड़गे और के रहमान खान समेत कई विपक्षी नेताओं का नाम लिया था।