Risks of Artificial Intelligence technology: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इंसानों के काम आसान अब हुए हैं। ओपनएआई के पॉपुलर चैटबॉट की बात करें तो चैटजीपीटी यूजर चैटबॉट से ह्यूमन लाइक टैक्ट्स जनरेट करवा सकता है। एआई इंसानों की सुविधा तो बने लेकिन एआई से जुड़े खतरों को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। यह सुविधा से अधिक असुविधा बन कर उभर रहा है। बहुत से ऐसे खतरें हैं जो एआई से जुड़े हैं। इस खतरों के साथ एआई इंसानों के लिए सुविधा से अधिक असुविधा बन रहा है।
एआई से जुड़े खतरे, एआई छीन लेगा जॉब
सवाल है कि एआई के जुड़े वो कौन-से जोखिम हैं। जिनकी वजह से इंसानों के जीवन जीने के तरीके पर असर पड़ रहा है। ओपनएआई के चैटजीपीटी के बाद से एआई यूजर के लिए टैक्स्ट, इमेज और ऑडियो प्रोड्यूस करने की खूबियों के साथ आया है। ऐसे में हर दूसरे इंटरनेट यूजर के जेहन में डर है कि एआई उनसे उनकी जॉब छीन सकता है। एआई को लेकर डर है कि वह इंसानों से अच्छा और तेज काम करने की कड़ी में कंपनियों की प्राथमिकता बन सकता है।
कॉपी कैट है एआई
एआई को इस तरह तैयार किया गया है कि यह ऑनलाइन डेटा में से यूजर के लिए सेकेंडों में काम की जानकारियां और इमेज खोजने की क्षमता रखता है। हालांकि, बड़ी संख्या में उपलब्ध डेटा में कुछ हिस्सा ऐसा है जो इंसानों द्वारा एक खास तरीके से तैयार किया है। एआई यूजर के डेटा को इस्तेमाल कर अपने जवाब तैयार करता है। जिससे इसे कॉपी कैट का टैग मिलता है।
भ्रामक जानकारियों को फैलने का डर
एआई के साथ झूठी और गलत सूचनाएं फैलने का डर बना हुआ है। इंटरनेट पर ऐसी जानकारियां एआई की मदद से तेजी से प्रसारित की जा सकती हैं। इतना ही नहीं, साइबर अपराधी एआई का गलत इस्तेमाल कर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। ऐसे बहुत से उदाहरण अीाी तक सामने आ चुके हैं।
इंसानों के कंट्रोल से बाहर हो सकता है AI
टेक्नोलॉजी जानकारों का मानना हैं कि एआई टेक्नोलॉजी भविष्य में और बेहतर होगी। इतना ही नहीं स्मार्ट कंप्यूटर इस हद तक स्मार्ट हो सकते हैं कि इंसान इन पर अपना कंट्रोल खो सकते हैं। ऐसी स्थिति इंसानों के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं होगी।