सुप्रीम कोर्ट ने विवादों में घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उसे लगता है कि चालू वर्ष के लिए नए सिरे से नीट-यूजी परीक्षा कराने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिससे इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्र प्रभावित होंगे। कोर्ट ने कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित तरीके से लीक होने और अन्य अनियमितताओं को दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कोई सामग्री नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने करीब चार दिनों तक सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और केंद्र तथा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुम्परा समेत विभिन्न वकीलों की दलीलें सुनीं। पीठ ने 20 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा तय किया और कहा कि विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि NEET-UG 2024 परीक्षा के परिणामों में कोई छेड़छाड़ या व्यवस्थित चूक हुई है।” हालांकि, पीठ ने यह भी कहा कि प्रश्नपत्र लीक होने की घटना हजारीबाग और पटना में हुई थी, लेकिन यह तथ्य विवाद में नहीं है। अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद डेटा NEET-UG 2024 के प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके द्वारा स्थापित सिद्धांतों के आधार पर पूरी NEET-UG परीक्षा को रद्द करने का आदेश उचित नहीं होगा।
बता दें कि 5 मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित कथित बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के लिए एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय आलोचनाओं के घेरे में हैं। एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल से संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) आयोजित करता है। 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23.33 लाख छात्र NEET-UG 2024 परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।