नई दिल्ली। 20 जून 1996 को भारत के दो महान बल्लेबाजों सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. इंग्लैंड के खिलाफ लॉड्र्स में खेले गए इस मुकाबले में द्रविड़ भले ही शतक लगाने से चूक गए थे, लेकिन गांगुली ने शानदार शतक ठोका था. शनिवार को इस ऐतिहासिक लम्हे को 24 साल पूरे हो गए.
301 गेंदों पर बनाए 131 रन
इस मैच के पहले दिन हालांकि भारतीय टीम को बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था. कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी का न्योता दिया था. गांगुली ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की और 301 गेंद पर 20 चौकों की मदद से 131 रन बनाए. उन्होंने साढ़े सात घंटे तक बल्लेबाजी की. वहीं द्रविड़ ने मैच के तीसरे दिन बल्लेबाजी की. द्रविड़ शतक से सिर्फ पांच रन चूक गए. उन्होंने 95 रन की पारी खेली. इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 344 रन बनाए जिसके जवाब में भारत ने 429 रन बनाए. इंग्लैंड ने दूसरी पारी में नौ विकेट पर 278 रन बनाए. भारत को दूसरी पारी में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला. मैच ड्रॉ रहा.
गांगुली ने खुद किया याद
गांगुली ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक कोलाज पोस्ट किया है. इसमें उनके पदार्पण मैच की तस्वीरें हैं. शॉट खेलने से लेकर शतक बनाने के बाद जश्न की तस्वीरें इसमें शामिल हैं. साथ ही लॉड्र्स की बालकनी में साथी खिलाडिय़ों द्वारा तालियां बजाकर अभिवादन करने की फोटो भी शामिल है.
गांगुली ने भारत को विदेशी सरजमीं पर जीत के लिए प्रेरित किया: श्रीकांत
पूर्व मुख्य चयनकर्ता के श्रीकांत ने सौरव गांगुली की तुलना वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लायड से करते हुए मौजूदा बीसीसीआइ अध्यक्ष को जन्मजात नेतृत्वकर्ता करार दिया जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को विदेशी सरजमीं पर जीत हासिल करने को प्रेरित किया. श्रीकांत ने कहा, गांगुली काफी सक्रिय थे. वह ऐसे खिलाड़ी थे जो टीम संयोजन बनाने की क्षमता रखते थे. जैसे 1976 में क्लाइव लायड ने वेस्टइंडीज टीम के लिए विजयी संयोजन बनाया था. सौरव ने सही टीम को एक साथ रखा और फिर उन्हेंं प्रेरित किया. पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा, इसलिए गांगुली बहुत सफल कप्तान थे, विदेशी सरजमीं पर भी. उन्होंने विदेशों में जीतना शुरू किया. गांगुली में यह काबिलियत जन्मजात थी.