नई दिल्ली. राष्ट्रीय टीम में फिटनेस के स्तर में बदलाव के लिए जिम्मेदार शंकर बासु को लगता है कि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली लंबे ब्रेक के बाद और बेहतर एथलीट बन गए हैं. बासु ने कहा कि आरसीबी के कप्तान ने इस दौरान शारीरिक फिटनेस के उन पहलुओं पर ध्यान लगाया जिन पर काम करने की जरूरत थी.
कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के कारण कोहली पांच महीने तक मुंबई में फंस गए और नेट पर उनका अभ्यास अच्छी तरह से यूएई पहुंचकर ही हो पाया. उन्होंने सुनिश्चित किया कि ब्रेक के दौरान उनके फिटनेस के स्तर पर कोई असर ना पड़े और जहां तक कौशल की बात है तो इससे उन्हेंं वापसी में मदद ही मिली. हालांकि वह नेट पर अभ्यास शुरू करने के दौरान थोड़े डरे हुए थे.
पूर्व भारतीय ट्रेनर बासु अब आरसीबी के स्ट्रेंथ एवं कंडिशनिंग कोच हैं, उन्होंने दुबई से कहा, वह (कोहली) काफी अच्छी फिटनेस के साथ आए हैं. उनका वजन इस समय बिल्कुल सही है और उनके बल्लेबाजी के दौरान कदम भी लय में हैं जो पहले से बेहतर हैं.
भारतीय टीम के साथ 2015 से 2019 तक काम करने वाले बासु ने कहा, विराट ने इस ब्रेक का इस्तेमाल शारीरिक रूप से उन सभी चीजों पर काम करने के लिए किया जिन पर ध्यान लगाने की जरूरत थी.
बासु आरसीबी और भारतीय टीम के साथ रहने के दौरान कोहली के साथ फिटनेस पर काफी काम करते थे. बासु ने कहा कि कोहली उन चीजों पर भी काम करने में सफल रहे जिन्हेंं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को व्यस्त कार्यक्रम के कारण करने में मुश्किल होती है.
उन्होंने कहा, विराट के पास समय था कि वह अपने खाने पर ध्यान दे सकें और घर पर दौडऩे का अभ्यास भी करते रहें. लॉकडाउन के कारण उनके पास कोई विकल्प नहीं था और ट्रेडमिल पर अपनी सहनशक्ति पर काम किया जो व्यस्त कार्यक्रम के कारण संभव नहीं हो पाता.