US Economy Shutdown: अरबों खरबों के कर्ज में डूबे अमेरिका में एक बार फिर से शटडाउन का संकट मंडरा रहा है। अगर अमेरिका में सत्ता और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बनी तो अमेरिका में शटडाउन का असर 33 लाख कर्मचारियों पर पड़ेगा। इन 33 लाख कर्मचारियों में अधिकांश भारतीय होंगे। ऐसी सूरत में ना सिर्फ नई योजनाओं पर विराम लग जाएगा बल्कि कर्मचारियों के सामने सैलरी का संकट होगा।
एक तरफ पाकिस्तान में आर्थिक व्यवस्था डगमगा रही है। वहीं दूसरी ओर अब अरबों-खरबों के कर्ज में डूबे अमेरिका में शट डाउन का खतरा मंडरा रहा है। 1 अक्टूबर से अमेरिका के 33 लाख कर्मचारियों पर संकट का खतरा मंडराएगा! अमेरिका, दुनिया के सबसे ताकतवर देश माना जाता है। लेकिन इस समय अमेरिका की अर्थव्यस्था डगमगा रही है। अमेरिका की डगमगाती अर्थव्यस्था का खतरा आने वाले दिनों में बढ़ रहा है। अगर ऐसा हुआ तो 1 अक्टूबर से अमेरिका में कर्मचारियों को सेलरी देने का संकट खड़ा होगा।
अमेरिका में वित्तीय संघीय वर्ष 30 सितंबर को समाप्त हो रहा
दरअसल सत्ता पक्ष बाइडेन प्रशासन को विपक्ष से सहमति बनाकर फंडिंग प्लान को पास कराना होगा। लेकिन गतिरोध बना हुआ है। इन सबके बीच अमेरिका में वित्तीय संघीय वर्ष 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। इसका अर्थ है कि अगर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी तो आगे का रास्ता जटिल होगा। जिससे अमेरिका में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 33 लाख कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ सकता है।
अमेरिका के आर्थिक संकट का असर 33 लाख कर्मचारियों पर!
अमेरिका में 30 सितंबर से पहले सत्ता और विपक्ष में सहमति जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर 1 अक्टूबर से अमेरिका में शटडाउन हो जाएगा। जिसका असर यह होगा कि लाखों की संख्या में कर्मचारियों को वेतन मिलने में परेशारी होगी। जो योजनाएं चल रही है उन पर ब्रेक लगेगा। इसके साथ आम लोगों को जरूरी चीजों के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी। अगर अमेरिका में शट डाउन के हालात बनते हैं तो कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए लाले पड़ जाएंगे। इससे करीब 33 लाख कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। इन 33 लाख कर्मचारियों में 20 लाख सरकारी कर्मचारी और 13 लाख डिफेंस से जुड़े हैं। अमेरिका में शट डाउन की स्थिति में ऐसा होता है तो नई योजनाओं पर बाइडेन प्रशासन काम नहीं कर पाएगा।
इसे कहते हैं शट डाउन
अमेरिकी सरकार को जरूरी योजनाओं को जारी रखने के लिए पैसों की जरूरत होती है। उसके लिए कर्ज लेना होता है। कर्ज लेने के लिए अमेरिकी संसद से मंजूरी जरूरी है। लेकिन यह जब संभव है जबकि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों आपसी सहमति बनाए। अगर तय सीमा में दोनों के बीच सहमति बन जाती है तो कोई परेशानी नहीं। लेकिन ऐसा ना होने की सूरत में शट डाउन का खतरा हो सकता है। अगर मौजूदा राजनीति को देखें तो सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनातनी चल रही है। रिपब्लिकन सांसदों को कुछ स्कीम्स पर ऐतराज है। जिसे डेमोक्रेट्स जरूरी बता रहे हैं। अब सभी की निगाहें 1 अक्टूबर पर लगी हुई हैं।