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खतरे में शोएब अख्तर का रिकॉर्ड

mayank yadav

अमित बिश्नोई
भारत के मयंक यादव की बिजली जैसी रफ़्तार से दुनिया में अगर कोई एक इंसान सबसे ज़्यादा इस समय चिंतित होगा तो वो पडोसी पाकिस्तान के बड़बोले शोएब अख्तर होंगे जिनके नाम एक लम्बे अरसे से क्रिकेट के इतिहास के सबसे तेज़ गेंदबाज़ होने का रिकॉर्ड दर्ज हैं लेकिन लगता है कि अब शायद वो समय आ गया है कि ये रिकॉर्ड एक भारतीय के नाम हो. मयंक ने कल खेले गए अपने कैरियर के दूसरे आईपीएल मैच में 156.7 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद डालकर शोएब अख्तर को चिंता में डाल दिया, जिनके नाम 161.1 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड का रिकॉर्ड दर्ज है। लखनऊ सुपर जायंट्स के मयंक यादव का उदय एक स्पीड स्टार के रूप में हुआ, अपने पहले ही मैच में वो 155 की रफ़्तार पर पहुँच गए. अपने चार के स्पेल में मयंक यादव ने एक दो गेंदें नहीं बल्कि दस से ज़्यादा गेंदें 150+ की रफ़्तार से फेंकी यही वजह रही कि पंजाब किंग की टीम जो एक समय मैच को आसानी से जीत रही थी, हार का सामना करना पड़ा क्योंकि मयंक ने सिर्फ रफ़्तार ही नहीं निकाली बल्कि अपनी दिशा और लेंथ पर भी कण्ट्रोल दिखाया और मात्र 27 रन देकर तीन विकेट चटका दिए.

मयंक यादव की इस सेंसेशनल शुरुआत के बाद हर किसी की निगाह उनके अगले मैच पर थीं. लोग जानना चाह रहे थे कि ये सिर्फ वन मैच मैजिक है या फिर वाकई इस लड़के में कोई बात है। क्योंकि अक्सर ऐसा देखा गया है कि कोई नया टैलेंट इस वजह से अपना कमाल दिखा जाता है क्योंकि उसके बारे में दूसरे खिलाडियों को ज़्यादा पता नहीं होता। उसकी अगली परीक्षा, पहली परीक्षा पास करने के बाद शुरू होती है क्योंकि बाद में विरोधी भी तैयारी के साथ उतरता है लेकिन कल RCB के खिलाफ मयंक यादव ने साबित कर दिया कि वो वन मैच मैजिक वाले गेंदबाज़ नहीं हैं, वो ऐसे गेंदबाज़ हैं जिनपर BCCI ने अगर सही से निवेश किया तो दुनिया को एक क़हर बरपाने वाला गेंदबाज़ मिल सकता है. मयंक ने अपने दूसरे मैच में पहले मैच से भी शानदार प्रदर्शन किया। न सिर्फ अपनी रफ़्तार को और बढ़ाया बल्कि पहले से ज़्यादा किफायती गेंदबाज़ी की और अपने चार ओवरों में मात्र 14 रन ही देकर तीन विकेट हासिल किये। मयंक द्वारा हासिल किये गए विकटों पर अगर नज़र डालें तो पाएंगे कि सभी एक स्टैब्लिश बल्लेबाज़ हैं। पहले मैच में मयंक ने जहाँ जॉनी बेयरस्टो, प्रभसिमरन और जितेश शर्मा के विकेट हासिल किये वहीँ कल के मैच में रजत पाटीदार, ग्लेन मैक्सवेल और कैमरून ग्रीन के विकेट शामिल हैं.

मयंक यादव ने दोनों ही मैचों में विरोधियों के मिडिल आर्डर को ध्वस्त कर उनकी बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ी है. मयंक से लोगों की उम्मीदें और भी बढ़ गयी हैं , एक्सपर्ट्स उनकी गेंदबाज़ी पर चर्चा कर रहे हैं, उनकी गेंदबाज़ी का विश्लेषण कर रहे हैं, निश्चित ही अब लोगों की निगाहें गुजरात टाइटंस के खिलाफ 7 अप्रैल को होने वाले मैच पर होंगी। इसबात पर होंगी कि पहले मैच में 155.8 किलोमीटर की रफ़्तार को दूसरे ही मैच में 156.7 तक ले जाने वाले मयंक इसे अपने तीसरे मैच में कितना आगे ले जाते हैं. यकीनन उनमें शोएब अख्तर का रिकॉर्ड तोड़ने की पूरी क्षमता दिख रही है. भूलना न चाहिए कि मयंक यादव ये गति भारतीय पिचों पर निकाल रहे हैं, मयंक जब ऑस्ट्रेलिया की विकटों पर गेंदबाज़ी करेंगे तो उनके हाथ से निकलने वाली गेंद किस रफ़्तार से बल्लेबाज़ के सामने से गुज़रेगी और स्पीड गन पर उसकी रफ़्तार क्या दर्ज होगी।

शोएब अख्तर ने ये रिकॉर्ड साज़ गेंद 2003 के ICC वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डरबन में फेंकी थी. क्रिकेट के इतिहास में अबतक तीन गेंदबाज़ ही ऐसे हुए जो 100 मील की रफ़्तार से गेंद फेंक सके हैं जिनमें शोएब अख्तर पहले नंबर पर हैं, दूसरे और तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के शॉन टेट और ब्रेट ली हैं। दो तेज़ गेंदबाज़ और भी हुए जिन्होंने 160+ की रफ़्तार तो निकाली है लेकिन 100 मील का माइलस्टोन नहीं पार कर पाए. ये दो तेज़ गेंदबाज़ भी ऑस्ट्रेलिया के जेफ्री थॉम्पसन और मिचेल स्टार्क हैं. भारतीय गेंदबाज़ों की बात करें तो उमरान मलिक अभी नंबर वन पर हैं जिन्होंने 2022 के आईपीएल सीजन में 157 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार निकाली थी. 2022 के आईपीएल की सनसनी उमरान मालिक थे और इस आईपीएल की सनसनी मयंक यादव हैं. देखना है कि क्या अगले मैच में वो उमरान के रिकॉर्ड को ब्रेक करके भारत और आईपीएल के सबसे तेज़ गेंदबाज़ बन सकते हैं। शोएब अख्तर के रिकॉर्ड को ब्रेक करने में भले ही उन्हें किसी ऑस्ट्रेलिया दौरे का इंतज़ार करना पड़े लेकिन इस रिकॉर्ड को ब्रेक करने के वो काफी करीब हैं। अभी मयंक यादव ने सिर्फ दो ही मैच खेले हैं लेकिन टी 20 विश्व कप के स्क्वाड में उन्हें शामिल करने की बाते होने लगी हैं। मयंक की रफ़्तार और एक्यूरेसी उनकी उम्मीदवारी को पुख्ता तो बनाती लेकिन अभी पूरा आईपीएल पड़ा है, मयंक को अभी अपने को और निखारना होगा, अपने को और साबित करना होगा, लेकिन एकबात तो तय है कि आने वाले दिनों में उनकी रफ़्तार पर दुनिया की नज़रे रहेंगी.

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