Uttarkashi Purola: उत्तरकाशी के पुरोला में उपजे विवाद के बाद नगर सहित जिले के बाजारों में प्रदर्शन देखने को मिला था। विभिन्न हिंदू संगठनों ने पुरोला में महापंचायत का एलान कर दिया था। लेकिन अब कसबे में धीरे—धीरे शांति बहाल हो रही है। पुरोला सहित यमुना घाटी के सभी प्रमुख बाजार खुलने के बाद अब माहौल शांतिप्रिय है। क्षेत्र में शांति होती देख प्रशासन ने पुरोला तहसील से धारा 144 को हटा लिया है। वहीं प्रशासन ने आगे इसी प्रकार का सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाए रखने की लोगों से अपील की है।
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस प्रशासन हुआ गंभीर
पुरोला में विवाद के बाद नगर सहित जिले में अन्य बाजारों में प्रदर्शन हुए थे। इसको लेकर विभिन्न संगठनों ने पुरोला में महापंचायत की घोषणा की थी। डीएम, एसपी ने पूरे अमले के साथ पुरोला में अलग-अलग दिनों में समुदाय के लोगों के साथ शांति बैठक कर महापंचायत निरस्त करने की अपील की थी। लेकिन इसी बीच हाईकोर्ट में दायर रिट पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने उत्तराखंड सरकार को इस मामले में सख्ती बरतने के निर्देश देते हुए महांपचायत पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे।
हिंदूवादी संगठन महापंचायत करवाने की मांग को लेकर अड़े हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पुरोला में 14 जून से 19 जून तक धारा 144 लगा दी थी। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद हिंदू संगठन बैकफुट पर आ गया था। वहीं विभिन्न संगठनों ने महापंचायत स्थगित कर दी थी। 15 जून को धारा 144 लगाने के विरोध में पुरोला तहसील सहित बड़कोट और नौगांव में बाजार बंद रहे थे। इस दौरान नौगांव में विभिन्न संगठनों का प्रदर्शन भी हुआ।
एसडीएम पुरोला देवानंद शर्मा ने बताया क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल देखते हुए धारा 144 हटा दी गई है। आगे सभी लोगों से सौहार्द और शांति बनाए रखने की अपील की है। आज शनिवार को समुदाय विशेष की दुकानें खुल गई है। पुरोला कस्बे में नाबालिग को भगाने की कोशिश मामले में उपजे विवाद के 22 दिन बाद पुरोला में माहौल शांतिपूर्ण है। पुरोला में समुदाय विशेष की दुकानें खुल गई हैं। समुदाय विशेष के व्यापारियों ने इस बारे में एसडीएम, पुलिस और व्यापार मंडल को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें व्यापार मंडल ने कहा कि दुकानें खुलने पर उन्हें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है।
ये था मामला
26 मई 2023 को पुरोला कस्बे में समुदाय विशेष के युवक और उसके दोस्त ने नाबालिग लड़की को भगाने का प्रयास किया था। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। शहर से समुदाय विशेष के 12 लोगों ने नगर छोड़ दिया था। 15 जून को महापंचायत ऐलान के बीच पुरोला में रहने वाले समुदाय विशेष के व्यापारी शहर से बाहर चले गए थे। हालांकि वो लोग अब लौट आए हैं।
समुदाय विशेष के व्यापारी अशरफ सहित मो. रईस और मो. सलीम और सैफ अली ने बताया कि वह सालों से पुरोला में रहते हैं। यहां पर व्यापारियों के साथ उनका भाईचारा है। शहर में शांति का माहौल है। उन्होंने अपनी दुकानें खोलने के लिए ज्ञापन दिया है। उम्मीद है कि उनकी दुकानें खुल जाएंगी। अशरफ और रईस बताते हैं कि उनकी दो पीढियां पुरोला में रह रही हैं। व्यापार मंडल पुरोला अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने बताया कि उन्हें समुदाय विशेष के व्यापारियों के दुकानों को खोलने से कोई आपत्ति नहीं हैं। व्यापार मंडल ने कभी किसी को दुकानें बंद करने के लिए नहीं कहा था।