शेयर बाजार से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो चुकी है और तलाश की ये प्रक्रिया पिछले दस दिनों से जारी है. एक बिजनेस वेबसाइट के मुताबिक नए सेबी चीफ के लिए आवेदन आमंत्रित करने की औपचारिक प्रक्रिया कुछ ही हफ्तों में शुरू हो सकती है। माधबी बुच ने 2 मार्च, 2022 को तीन साल की अवधि के लिए सेबी अध्यक्ष का पद संभाला, जो 28 फरवरी, 2025 को समाप्त होगा। इससे पहले, वह अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक पांच साल के लिए सेबी में पूर्णकालिक सदस्य थीं।
सेबी प्रमुख का कार्यकाल आमतौर पर तीन साल का होता है। हालांकि यू.के. सिन्हा और अजय त्यागी इस मामले में अपवाद हैं जिन्होंने क्रमशः छह और पांच साल तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। यू.के. सिन्हा 18 फरवरी, 2011 से 1 मार्च, 2017 तक सेबी के अध्यक्ष रहे, जबकि उनके उत्तराधिकारी त्यागी का कार्यकाल 1 मार्च, 2017 से 28 फरवरी, 2022 तक था।
बता दें कि माधबी बुच पर कई आरोप लगे हैं – शुरुआत में शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग और बाद में कांग्रेस पार्टी की ओर से – अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंड में उनके निवेश, आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में। इसके बाद सेबी कर्मचारियों के एक वर्ग ने उन पर ‘टॉक्सिक वर्किंग कंडीशंस ‘ बनाने का आरोप लगाया था, हालांकि अब वह मामला सुलझ गया है। 24 अक्टूबर को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) शीर्ष नियामक प्राधिकरणों के कामकाज की समीक्षा करेगी। इसने सेबी (बुच सहित) और ट्राई के प्रमुखों को बयान के लिए बुलाया है। हालाँकि सेबी चीफ अपने ऊपर लगे सभी आरोपों ख़ारिज कर चुकी हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार दबाव बना रही है, ऐसे मोदी सरकार उन्हें सेवा विस्तार देना मुश्किल लग रहा है.